महीने का 80 हजार रुपये कमाते हैं तो भी ऐसे बचा सकते हैं टैक्स में रकम
मुंबई- बजट का मौसम आते ही एक बार फिर इनकम टैक्स की चर्चा होने लगी है। नौ साल बाद टैक्सपेयर्स को खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। यानी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़ा सकती हैं। अभी 2.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है।
वित्त मंत्री करदाताओं को राहत देंगी या नहीं ये तो एक फरवरी को पता चलेगा लेकिन आप मौजूदा व्यवस्था में भी 10.5 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर 100 फीसदी टैक्स बचा सकते हैं।
अगर आपकी सालाना आय 10 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच है तो आप 30 फीसदी के टैक्स स्लैब में आते हैं। अगर आपकी सालाना इनकम 10 लाख 50 हजार रुपये है तो आपको 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। ऐसे में आपकी टैक्सेबल इनकम केवल 10 लाख रुपये रह जाती है। स्टैंडर्ड डिडक्शन वह रकम होती है, जिसे आपकी इनकम से सीधे काटकर अलग कर दिया जाता है। बची हुई आमदनी पर ही टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स की गणना की जाती है। इससे आपकी कुल टैक्स देय राशि घट जाती है। इसे बढ़ाकर 70 हजार रुपये किया जा सकता है।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80सी के तहत टैक्सपेयर वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकता है। इसमें आप पीपीएफ (PPF), एलाईसी (LIC), बच्चों की ट्यूशन फी, ईपीएफ (EPF) और म्यूचुअल फंड (ELSS) को क्लेम कर सकते हैं। साथ ही अगर कोई होम लोन चल रहा है, तो आप मूलधन पर चुकाए गए ब्याज पर भी इसे क्लेम कर सकते हैं। इस तरह अब आपको 8 लाख 50 हजार रुपये की इनकम पर टैक्स देना होगा।
इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80CCD के तहत एनपीएस (NPS) पर टैक्स डिडक्शन का प्रावधान किया गया है। अगर आप चाहते हैं कि 8 लाख 50 हजार रुपये की इनकम पर कोई टैक्स न लगे तो इसके लिए इस धारा के तहत NPS में निवेश करना होगा। इसमें आपको 50 हजार रुपये का निवेश करना होगा। यानी अब आपकी टैक्सेबल इनकम 8 लाख रुपये रह गई है। आप इसे भी कम कर सकते हैं।
मकान खरीदने के लिए होम लोन पर चुकाए ब्याज और मूल दोनों पर ही इनकम टैक्स में छूट का लाभ मिलता है। आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24B के तहत 2 लाख रुपये तक का इंटरेस्ट डिडक्शन हासिल कर सकते हैं। हालांकि आपको ये छूट तभी मिलेगी जब आपने इतनी राशि होम लोन के ब्याज भुगतान पर खर्च की है। अब आपकी टैक्सेबल इनकम केवल 6 लाख रुपये रह गई है। इसे भी कम करने का तरीका है।
आप इनकम टैक्स की धारा 80D का इस्तेमाल करके 75 हजार रुपये क्लेम कर सकते हैं। इसके तहत आप अपने परिवार के लिए 25 हजार रुपये का मेडिकल हेल्थ इंश्योरेंस खरीद सकते हैं। इसका प्रीमियम क्लेम किया जा सकता है। इतना ही नहीं आप अलग से अपने माता-पिता के लिए 50 हजार रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम क्लेम कर सकते हैं। इस तरह आप कुल 75 हजार रुपये हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के नाम पर क्लेम कर सकते हैं। अब आपकी आपकी टैक्सेबल इनकम सिर्फ 5 लाख 25 हजार रुपये रह जाती है।
अगर आप कोई इनकम टैक्स नहीं देना चाहते हैं तो आपको 25 हजार रुपये किसी संस्था या ट्रस्ट को दान करने होंगे। इसे आप इसे इनकम टैक्स की धारा 80G के तहत क्लेम कर सकते हैं। इस तरह आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये हो जाएगी। इस पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की इनकम पर फीसदी टैक्स लगता है। लेकिन सरकार ने इस अमाउंट को जमा करने के लिए छूट दे रखी है।