पहली बार एनएसओ का जीडीपी वृद्धि अनुमान आरबीआई के अनुमान से कम
नई दिल्ली। राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) के वित्त वर्ष 2023 के पहले अग्रिम अनुमान में जीडीपी की वृद्धि दर 7 फीसदी जताई गई है जो उसके पहले के साल में 8.7 फीसदी जताई गई थी। यह पहली बार हुआ है जब एनएसओ का अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुमान से कम आंका गया है।
सरकार ने अनुमान में कहा है कि करीब सभी सेक्टर में सुधार है और कोरोना के पहले के स्तर पर यह पहुंच जाएंगे। पिछले चार वर्षों में जीडीपी अनुमान तीन अवसरों पर सुधारा गया है जो पहले के अनुमान से कम रहे हैं। औसत सुधार 0.80 फीसदी का रहा है।
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियां इस दौरान 3.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती हैं जो कि उसके पहले के साल में 3 फीसदी की दर से बढ़ी थी। इसी दौरान इंडस्ट्री कोरोना में सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर रहा है और यह अब 4.1 फीसदी की दर से बढ़ सकता है। सेवा क्षेत्र में 9.1 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।
एसबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर आज की सुधारित जीडीपी का आंकड़ा को लें और टैक्स बजट अनुमान से ज्यादा मिलता है तो सरकार का फिस्कल घाटा कम हो सकता है। सरकार इसका लक्ष्य 6.4 फीसदी रखी है।
विनिर्माण और खनन क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष सालाना आधार पर 1.7 फीसदी घटकर 7 फीसदी रह सकती है। 2021-22 में जीडीपी की वृद्धि दर 8.7 फीसदी रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से शुक्रवार को राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमान में यह संभावना जताई गई है। हालांकि, यह आरबीआई के 6.8 फीसदी के अनुमान से 0.2 फीसदी ज्यादा है।
एनएसओ के मुताबिक, नॉमिनल जीडीपी (बाजार या मौजूदा कीमत पर एक वर्ष में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य) भी 2022-23 के दौरान 4.1 फीसदी घटकर 15.4 फीसदी रह सकती है। 2021-22 में यह आंकड़ा 19.5 फीसदी रहा था। स्थिर मूल्य पर सकल मूल्यवर्धन (जीवीए) में वृद्धि की दर 2022-23 में 6.7 फीसदी रहने का अनुमान है, जो बीते वित्त वर्ष में 8.1 फीसदी रही थी। आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन घटकर 1.6 फीसदी रहने का अनुमान है। 2021-22 में इसमें 9.9 फीसदी की वृद्धि हुई थी। इसी तरह, खनन क्षेत्र में उत्पादन की वृद्धि दर कम होकर 2.4 फीसदी रह सकती है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 11.5 फीसदी रही थी।
एनएसओ के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में नॉमिनल जीडीपी 36.43 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 273.08 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच सकती है। 2021-22 में यह आंकड़ा 236.65 लाख करोोड़ रुपये रहा था। वास्तविक जीडीपी या स्थिर मूल्य (2011-12) का आकार 2022-23 में 157.60 लाख करोड़ रुपये रह सकता है। 31 मई, 2022 को जारी 2021-22 के अस्थायी अनुमान में इसके 147.36 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया था।