भारत को वैश्विक गेमिंग हब बनाने के लिए हो आसान कर व्यवस्था
नई दिल्ली। भारत को वैश्विक गेमिंग हब बनाने के लिए आसान कर व्यवस्था होनी चाहिए। गेमिंग गतिविधियों से होने वाली लागत व नुकसान को आय से ऑफसेट करने की व्यवस्था करनी चाहिए। रेगुलेटेड प्लेटफार्मों पर 30% टीडीएस की उच्च दर के कारण ऐसे विदेशी प्लेटफॉर्म को जगह बनाने का मौका मिल रहा है, जो घरेलू कंपनियों को जोखिम में डाल रहे हैं। इससे सरकार को कर का नुकसान भी हो रहा है।
स्वतंत्र थिंक टैंक थिंक चेंज फोरम (टीसीएफ) की ओर से आयोजित कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने कहा, कंपनियों में अनुशासन के लिए कराधान उचित समाधान नहीं है, बल्कि इसके लिए टेक्नोलॉजी के बेहतर प्रयोग की जरूरत है। सरकार द्वारा गठित एक एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग एंड कॉमिक्स (एवीजीसी) प्रमोशन टास्क फोर्स की रिपोर्ट में इस क्षेत्र के विकास के लिए बजट में प्रावधान करने की बात कही गई है।
भारत में, ऑनलाइन कौशल आधारित गेमिंग (ओएसजी) 2.5 अरब डॉलर का उद्योग है। राजस्व के मामले में 2030 तक इसके 20 अरब डॉलर तक पहुंच जाने का अनुमान है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रोहन शाह, गेम्स 24X7 के संस्थापक त्रिविक्रम थंपी, सरकार एंड एसोसिएट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्वपन सरकार, लिगैसी ग्रोथ पार्टनर्स के मैनेजिंग पार्टनर सूरज मलिक और जन नीति विश्लेषक रामाकृष्णन तिरुवनंतपुरम एस शामिल रहे।