भारतीय लोगों को चाहिए कम वेतन, लेकिन काम के घंटे भी घटाएं कंपनियां

मुंबई- भारतीयों का कहना है कि भले ही उन्हें सैलरी कम मिले या घटा दी जाए, लेकिन उन्हें ड्यूटी आवर में ढील मिले। हाल ही में हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है। कोरोना काल के बाद से ज्यादातर कंपनियों ने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दे दिया था। अब जब दोबारा ऑफिस खोले जा रहे हैं तो ज्यादातर कर्मचारी अभी घर से ही काम करना चाहते हैं। घर से काम कर रहे लोग भी अपनी वर्किंग लाइफ में फ्लेक्सिबिलिटी चाहते हैं।  

दरअसल हाल ही में एडीपी रिसर्च इंस्टिट्यूट के ‘पीपल एट वर्क 2022: ए ग्लोबल वर्कफोर्स व्यू’ के तहत 17 देशों में लगभग 33,000 कर्मचारियों के बीच एक सर्वे किया गया है। सर्वे के मुताबिक, कर्मचारयों का एक बड़ा प्रतिशत अपनी वर्किंग लाइफ में ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी चाहते हैं। 

एडीपी रिसर्च इंस्टिट्यूट के सर्वे के मुताबिक, कर्मचारी अपने कामकाजी घंटों में कमी चाहते हैं। सर्वे में शामिल 10 में से 7 लोगों ने कहा कि कामकाज के घंटे कम किए जाने चाहिए। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में, 76.07 प्रतिशत कर्मचारी अपने काम के घंटों पर नियंत्रण रखना पसंद करेंगे। इन कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें ‘रीमोट’ या दफ्तर के साथ घर से भी काम करने की सुविधा मिलनी चाहिए। अगर इसके लिए उनकी सैलरी से कटौती होती है तो वो इसके लिए भी तैयार हैं। 

सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि भारत में लगभग 76.38 प्रतिशत कर्मचारियों का कहना है कि अगर उन्हें पूरी तरह काम पर लौटने के लिए कहा जाता है, तो वे नई नौकरी की तलाश करेंगे। एडीपी के दक्षिण-पूर्व एशिया और भारत के प्रबंध निदेशक राहुल गोयल के मुताबिक, मौजूदा समय में कर्मचारियों को काम पर संतुष्ट रखने के लिए ऑफिस की नौ से पांच की नौकरी की जगह नए आप्शन की जरूरत है। सर्वे के मुताबिक, लगभग 73 फीसदी लोगों को लगता है कि घर से काम करने के दौरान भी उन पर ध्यान दिया जा रहा है और उन्हें महत्व दिया जा रहा है। 

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