देश के 90 फीसदी कामगारों को मिल सकती है पेंशन, पीएफआरडीए की सिफारिश
मुंबईृ- देश के कुल कामगारों के 90 फीसदी को पेंशन के दायरे में लाने की योजना है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने दिहाड़ी कामगारों यानी गिग वर्कर्स को सरकार से पेंशन शुरू करने की सिफारिश की है। 102 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्तियों का प्रबंधन करने वाले पीएफआरडीए ने प्रस्तावित किया है कि खाद्य और कैब एग्रीगेटर्स के कर्मचारियों को स्वचालित रूप से राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में नामांकित किया जाएगा। पीएफआरडीए के चेयरमैन सुप्रतिम बंदोपाध्याय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पीएफआरडीए भारत की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति बचत योजना, एनपीएस को नियंत्रित करता है। इसे 2004 में शुरू किया गया था। अब इसके 1.67 करोड़ ग्राहक हैं। जिनमें सरकारी और निजी क्षेत्रों के साथ-साथ असंगठित क्षेत्र भी शामिल हैं। बंदोपाध्याय ने कहा कि पीएफआरडीए ने सिफारिश की है कि नियोक्ता गिग वर्कर्स को दिए जाने वाले अपने भुगतान का एक हिस्सा घटाकर एनपीएस योजना में योगदान दें।
भारत का असंगठित क्षेत्र देश के लगभग 90% कार्यबल को रोजगार देता है, जो उन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभों से वंचित करता है। जून में जारी थिंक-टैंक नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, गिग वर्कर्स का एक बड़ा हिस्सा डिलीवरी और सेल्स कर्मियों का है। 2022-23 में इनकी संख्या 9.9 मिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2019-20 से लगभग 45% अधिक होगी।
इन कर्मचारियों को पेंशन दायरे में लाने की पीएफआरडीए की सिफारिश ब्रिटेन की पेंशन प्रणाली की तर्ज पर है। वहां हर नियोक्ता के लिए यह अनिवार्य है कि उसके कर्मचारियों को पेंशन योजना में शामिल किया जाए और वह योगदान भी दे। भले ही उसके यहां एक ही कर्मचारी क्यों न हो। भारत में अभी केवल 20 से अधिक श्रमिकों वाली कंपनियां ही एनपीएस में शामिल होती हैं। इसमें नियोक्ता और कर्मचारियों दोनों के योगदान की आवश्यकता होती है।
बंदोपाध्याय ने कहा, असंगठित क्षेत्र का एक विशाल, बेरोज़गार क्षेत्र किसी भी पेंशन योजना के अंतर्गत नहीं आता है। उन्होंने कहा कि एनपीएस योजना को आकर्षक बनाने के लिए नियामक ने सरकार को इसके सदस्यों के लिए वार्षिक कर छूट को दोगुना कर 100,000 रुपये करने का भी सुझाव दिया है।
भारत इस वित्त वर्ष में पहली बार सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड जारी कर 160 अरब रुपये जुटाने की योजना बना रहा है। बंदोपाध्याय ने कहा कि पीएफआरडीए और उसके दस पेंशन फंड मैनेजर इन ग्रीन बॉन्ड में निवेश करने के इच्छुक हैं। मुझे विश्वास है कि जब दिशानिर्देश सामने आएंगे तो बहुत सारे फंड मैनेजर इसमें आएंगे।