ग्रॉस प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में 26 फीसदी बढ़कर 13.63 लाख करोड़ 

मुंबई- चालू वित्त वर्ष में अब तक सकल प्रत्यक्ष कर का संग्रह 26 फीसदी बढ़कर 13.63 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसमें 7.25 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेशन टैक्स रहा है। जबकि 6.35 लाख करोड़ रुपये पर्सनल इनकम टैक्स (पीआईटी) और सिक्योरिटीज ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) रहा है। 13.63 लाख करोड़ में से 5.21 लाख करोड़ रुपये अग्रिम कर संग्रह, टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स यानी टीडीएस के रूप में 6.44 लाख करोड़ और सेल्फ असेसमेंट टैक्स के रूप में 1.40 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। इसी दौरान शुद्ध कर संग्रह बजट में पूरे साल के लिए रखे गए लक्ष्य का 80 फीसदी रहा है। हालांकि पिछले साल की तुलना में यह 19.81 फीसदी बढ़कर 11.35 लाख करोड़ रुपये हो गया है। करदाताओं को दिए गए रिफंड के बाद जो बचता है उसे शुद्ध कर संग्रह कहा जाता है। 

पहली, दूसरी और तीसरी तिमाही में कुल अग्रिम कर संग्रह में 12.83 फीसदी की बढ़त हुई है। इसमें सीआईटी 3.97 लाख करोड़ और पीआईटी 1.23 लाख करोड़ रुपये रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने बताया कि टैक्स के मोर्चे पर मिली सफलता से यह संकेत मिल रहा है कि कोरोना के बाद से अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है और साथ ही कंपनियों और व्यक्तिगत लोगों की आय बढ़ी है। व्यक्तिगत आय और कॉरपोरेट आय को प्रत्यक्ष कर के रूप में माना जाता है। 

बजट में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य 14.20 लाख करोड़ रुपये रखा गया है। यह एक साल पहले के 14.10 लाख करोड़ की तुलना में 10 हजार करोड़ रुपये अधिक है। इस दौरान 17 दिसंबर तक 2.28 लाख करोड़ रुपये करदाताओं को वापस किए गए। एक साल पहले की तुलना में यह 68 फीसदी अधिक है। सीबीडीटी ने कहा कि इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) की प्रक्रिया में काफी तेजी आई है। पूरी तरह से सत्यापित किए गए करीब 96.5 फीसदी आईटीआर की प्रक्रिया पूरी हो गई है। 

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