इस साल इन आईपीओ ने दिया बेहतर रिटर्न, जानिए किसने दिया घाटा
मुंबई- 2022 में लिस्ट हुए 75 प्रतिशत शेयर अपनी इश्यू प्राइस से ज्यादा का कारोबार कर रहे हैं। हालांकि इस साल ग्लोबल स्लो डाउन की बात को देखते हुए आईपीओ की संख्या कम रही। 2022 में, लगभग 37 कंपनियों ने अपने आईपीओ रिलीज किए और इससे कुल 58,500 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए गए। इनमें से 33 कंपनियां एक्सचेंजों पर लिस्टेड हैं और इनमें से करीब 25 कंपनियां अपने इश्यू प्राइस से ऊपर कारोबार कर रही हैं।
वहीं अब साल खत्म होते होते भी चार कंपनियां भी अपने आईपीओ रिलीज करेंगी. इनमें सुला वाइनयार्ड्स, एबंस होल्डिंग्स, लैंडमार्क कार्स और केफिन टेक्नोलॉजी का नाम है। ये चारों की कंपनियां ग्रे मार्केट में फिलहाल 5 से 10 प्रतिशत ऊपर कारोबार कर रही हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इन चारों आईपीओ के डेब्यू के दिन ही ये ज्यादा प्राइस पर ओपन होंगे।
अडानी विल्मर अपने इश्यू प्राइस से 174 प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ टॉप पर रहने वाला आईपीओ था, इसके बाद हरिओम पाइप इंडस्ट्रीज, वेरंडा लर्निंग सॉल्यूशंस और वीनस पाइप्स एंड ट्यूब थे, जो अपने इश्यू प्राइस से 100 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल लिए।
वहीं एजीएस ट्रांजेक्ट टेक में 59.7 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि उमा एक्सपोर्ट, एलआईसी और डेलहीवरी में 24 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई। आईनॉक्स ग्रीन एनर्जी सर्विसेज, यूनिपार्ट्स इंडिया और कीस्टोन रियल्टर्स लिमिटेड अपने इश्यू प्राइस से मामूली रूप से नीचे रहे। कुछ को छोड़कर इस साल रिलीज हुए आईपीओ की कीमत सही रखी गई थी। इसलिए इनमें से कई ने अच्छा प्रदर्शन किया।
2021 में आईपीओ का बाजार कुछ मुश्किलों से भरा रहा। इसके बाद निवेशक भी सतर्क दिखे. 2021 के आंकड़े को देखा जाए तो लगभग 63 फर्मों ने आईपीओ के माध्यम से लगभग 1.20 लाख करोड़ रुपये जुटाए. इनमें कई ऐसी कंपनियां भी थीं जो बुक्स में बड़े नुकसान को झेल रही थीं लेकिन लिस्टिंग के दिन अच्छा रिटर्न दिया। हालांकि ग्लोबल मार्केट के अनस्टेबल होने के कारण कई कंपनियों के शेयर बाद में गिरे और इश्यू प्राइस से भी नीचे कारोबार कर रही हैं।
जब बाजार ऊपर जाता है तो कंपनियां इसका फायदा उठाने के लिए प्राइमरी मार्केट का रुख करती हैं. ऐसा वे ज्यादा वैल्यू पर करती हैं। ऐसा ही 2021 में भी हुआ. 63 आईपीओ में से कई नई कंपनियां थीं, जो अभी भी घाटे में चल रही हैं. वैश्विक मंदी की चिंता के बाद कंपनियों का हाल खराब है। वही इस साल निवेशक बेहतर कंपनियों के साथ रहे जिनका रिलीज सही प्राइस पर किया गया. जिसके चलते रिटर्न भी अच्छे मिले।
विशेषज्ञों का कहना है कि आईपीओ बाजार में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है क्योंकि कई महीनों तक लगातार बिकवाली करने के बाद एफआईआई के खरीदार बनने के बाद घरेलू शेयर अब तक के उच्चतम स्तर को छू रहे हैं। 2023 में कई आईपीओ रिलीज होने चाहिए. वहीं खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी फिर से बढ़ने की संभावना है।
मॉर्गन स्टेनली से लेकर गोल्डमैन सैक्स तक विदेशी ब्रोकरेज के विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय बाजार बाकी उभरते बाजारों से बेहतर प्रदर्शन जारी रखेंगे, भले ही मूल्यांकन संबंधी चिंताएं बनी रहें. गोल्डमैन का मानना है कि मौजूदा स्तरों से निफ्टी के लिए 12 प्रतिशत उछाल की संभावना है और बेंचमार्क इंडेक्स 2023 के अंत तक 20,500 को छू लेगा. इससे आने वाले 12 महीनों में करीब 20 बिलियन डॉलर का फ्लो देखने को मल सकता है।