इराक को पीछे छोड़ रूस पहली बार भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बना
मुंबई- इराक को पीछे छोड़ रूस भारत का अब सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता देश बन गया है। आंकड़ों से पता चलता है कि रूस से भारत का तेल आयात नवंबर में पांचवें महीने बढ़कर 908,000 बैरल प्रति दिन (बीपीडी) हो गया। अक्तूबर की तुलना में यह 4 फीसदी अधिक है। सात देशों के समूह, ऑस्ट्रेलिया और 27 यूरोपीय संघ के देशों ने 5 दिसंबर से रूसी समुद्री तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल की कीमत की सीमा लगा दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि, पश्चिमी देश यूक्रेन में युद्ध को वित्तपोषित करने की रूस की क्षमता को सीमित करने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले महीने इराक से भारत का तेल आयात सितंबर, 2020 के बाद से सबसे कम हो गया। सऊदी अरब से आयात 14 महीने के निचले स्तर पर आ गया।
आंकड़ों से पता चलता है कि नवंबर में भारत के 40 लाख बीपीडी तेल के कुल आयात में रूसी तेल की हिस्सेदारी लगभग 23 फीसदी थी। नवंबर में भारत का कुल आयात अक्तूबर की तुलना में 11 फीसदी घट गया, क्योंकि रूस समर्थित भारतीय रिफाइनरी नायरा एनर्जी ने रखरखाव के लिए अपनी 400,000 बीपीडी रिफाइनरी बंद कर दी थी।
महंगे लॉजिस्टिक के कारण पहले भारत शायद ही कभी रूसी तेल खरीदता था। अब चीन के बाद रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल ग्राहक बनकर भारत उभरा है। इस साल यूक्रेन -रूस युद्ध के बाद पश्चिमी देशों ने रूस से तेल खरीदने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे रूस भारत को सस्ते में तेल बेच रहा है और भारत लगातार खरीदी कर रहा है। सूत्रों ने कहा कि भारतीय रिफाइनरी शुरू में 5 दिसंबर के बाद लोडिंग के लिए रूसी कच्चे तेल के ऑर्डर देने में सावधानी बरत रहे थे। हालांकि, बाद में उन्होंने फिर से खरीद शुरू कर दी है।
आंकड़ों से पता चलता है कि रूसी तेल की ज्यादा खरीद से मध्य पूर्व से भारत का आयात घट गया है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के सदस्य देशों में नवंबर में सबसे कम गिरावट आई। इस वित्तीय वर्ष के पहले आठ महीनों (अप्रैल-नवंबर) में इराक भारत के लिए सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता बना रहा। इसके बाद सऊदी अरब और रूस थे। इन दोनों ने संयुक्त अरब अमीरात को चौथे स्थान पर गिरा दिया।