जीडीपी का आकार 22 लाख करोड़ बढ़कर हो सकता है 280 लाख करोड़ रुपये 

मुंबई- राजस्व संग्रह और खर्च बढ़ने से चालू वित्त वर्ष के अंत में जीडीपी का आकार 22 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 275-280 लाख करोड़ हो सकता है। पहले सरकार का अनुमान 258 लाख करोड़ रुपये था।  

बैंक ऑफ बड़ौदा ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में कहा, पहले कुल खर्च का अनुमान 39.45 लाख करोड़ था जो बढ़कर 42.7 लाख करोड़ रुपये हो सकता है। इसी के साथ राजकोषीय घाटा 16.6 लाख करोड़ से बढ़कर 19.9 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा जो बजट के अनुपात में 7-7.1% के बीच होगा। केंद्र सरकार ने 4.36 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त खर्च की अनुमति मांगी है। इसमें से 1.11 लाख करोड़ रुपये ज्यादा राजस्व मिलने से पूरा किया जाएगा। इससे कुल शुद्ध खर्च 3.26 लाख करोड़ बढ़ेगा।  

ग्रामीण विकास मंत्रालय नेशनल एंप्लॉयीज गारंटी फंड (एनईजीएफ) मनरेगा, पीएम आवास जैसी योजना पर 45,000 करोड़ अतिरिक्त खर्च करेगा। रेलवे मंत्रालय 12,000 करोड़, सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय 18,000 करोड़ और जम्मू एवं कश्मीर तथा पुड्डुचेरी के लिए 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यानी 59 फीसदी रकम केवल केमिकल और फर्टिलाइजर तथा उपभोक्ता मंत्रालय व खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय खर्च करेगा। 

रिपोर्ट में कहा गया है, विनिवेश कार्यक्रम में सरकार को  25 हजार करोड़ रुपये कम मिल सकता है। बजट में इसका लक्ष्य 65 हजार करोड़ रुपये था जो 40 हजार करोड़ रुपये रह सकता है। इन सभी को ध्यान में रखते हुए 1.17 लाख करोड़ रुपये की बढ़त हो सकती है। इसी तरह से 1.11 लाख करोड़ रुपये जो ज्यादा राजस्व से प्राप्त होगा उसमें से 45,000 करोड़ ग्रामीण विकास मंत्रालय, 14 हजार करोड़ रक्षा मंत्रालय, 13 हजार करोड़ दूरसंचार मंत्रालय, 10 हजार करोड़ राजस्व विभाग और 19 हजार करोड़ रुपये सड़क एवं परिवहन मंत्रालय खर्च करेगा। 

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