हर महीने नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर मिल रहीं 90 हजार शिकायतें
मुंबई- सरकार ने शुक्रवार को कहा कि उसने ई-दाखिल के माध्यम से ग्राहकों की शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने के लिए एक टेम्प्लेट को अंतिम रूप दे दिया है। इससे उपभोक्ता आयोग में वास्तविक मामलों को आसानी से दर्ज किया जा सकेगा।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र में उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित मुद्दों पर गुवाहाटी में एक दिवसीय कार्यशाला में उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, टेम्पलेट को बहुत जल्द लागू किया जाएगा और सिस्टम में इसका प्रसार किया जाएगा। इस तरह आयोग से एक उम्मीद कर सकते हैं। पूरे देश में ई-दाखिल के माध्यम से दायर किए जा रहे मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि टेम्पलेट में मानक क्षेत्र शामिल हैं और सभी अनिवार्य जानकारी प्रदान करने के बाद आयोग आसानी से वास्तविक मामलों को स्वीकार कर सकता है।
राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) पर ई-कॉमर्स क्षेत्र से संबंधित उपभोक्ता शिकायतों में भारी वृद्धि हुई है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हर महीने एनसीएच पर दर्ज होने वाली 90,000 शिकायतों में से कुल शिकायतों में से 45-50 फीसदी ई-कॉमर्स से संबंधित होती हैं। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक उपाय कर रहा है। यह उपभोक्ताओं पर है कि वे अपने अधिकारों के प्रति अधिक जागरूक और मुखर रहें और ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ शिकायतें करें।
उन्होंने कहा कि हाल ही में उठाए गए कदमों में से एक फर्जी समीक्षाओं पर बीआईएस मानक का शुभारंभ किया गया। जिसमें ई-कॉमर्स फर्मों को अपने प्लेटफॉर्म पर समीक्षा तैयार करने और प्रकाशित करने की अपनी नीति के तहत इन मानकों का पालन करने की आवश्यकता है। केंद्र सरकार उपभोक्ता आयोगों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए धन सहायता प्रदान करती है। राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे अगले वर्ष के लिए धन जारी करने के लिए पिछले वर्ष का उपयोग प्रमाण पत्र प्रस्तुत करें।
लंबित मामलों में से एक तिहाई मामले बीमा क्षेत्र से संबंधित हैं। उन्होंने उपभोक्ता आयोगों से लंबित मामलों को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए कहा है। केंद्र का लक्ष्य मार्च 2023 तक 750 मूल्य निगरानी केंद्र स्थापित करना है, जिसके लिए वित्तीय सहायता का आश्वासन दिया जाएगा।