चीन से जिनपिंग सरकार की धमकी से गायब हुए जैकमा दो साल बाद दिखे
मुंबई- चीन में जिनपिंग सरकार की आलोचना के बाद गायब हुए दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के फाउंडर जैक मा टोक्यो में हैं। अमेरिकी अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक टोक्यो में वे खुद को काफी लो प्रोफाइल रखते हैं। जैक के रहने की जगह से वाकिफ लोगों ने बताया कि वे चीन से अपना पर्सनल शेफ और सिक्योरिटी भी लाए हैं।
जैक मा चीन सरकार की नीतियों की आलोचना के बाद जिनपिंग के निशाने पर आए थे। आशंका जताई जा रही थी कि चीन सरकार उनकी हत्या करा सकती है। मा की एक कंपनी ‘एंट ग्रुप’ के दुनिया के सबसे बड़े IPO को भी रोक दिया गया था और अरबों डॉलर का जुर्माना लगाया गया था। इस पूरे घटनाक्रम के बाद मा गायब हो गए थे। वो पब्लिकली दिखाई नहीं दिए।
नवंबर 2020 में उन्होंने आखिरी ट्वीट किया था और 2021 में उनका एक वीडियो सामने आया था। वीडियो में जैक कह रहे हैं कि महामारी खत्म होने के बाद हम दोबारा मिलेंगे। जापान के मॉडर्न आर्ट सीन से जुड़े लोगों ने जानकारी दी है कि जापान में वह समय गुजारने के लिए वाटर कलर पेंटिंग करते हैं। चीनी सरकार के क्रैकडाउन के बाद मा को स्पेन और नीदरलैंड जैसे देशों में भी देखा गया है। एक साल पहले नीदरलैंड से उनकी एक तस्वीर भी सामने आई थी।
जैक मा 24 अक्टूबर 2020 को एक मीटिंग के दौरान निशाने पर आए थे। इस मीटिंग में चीनी राजनीति और अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े अधिकारी पहुंचे हुए थे। इसमें जैक मा ने चीनी बैंकों की आलोचना की थी। उन्होंने कहा था, ‘चीनी बैंक फंडिंग के लिए कुछ गिरवी रखने की मांग करते हैं। इससे नई तकनीकों को फंड नहीं मिल पाता और नए प्रयोग रुक जाते हैं।’
उन्होंने चीनी नियमों को भी राह में रोड़ा अटकाने वाला बताया था। वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को जैक मा की कही बातों के बारे में जानकारी मिली, तो वे बहुत नाराज हो गए। उन्होंने जैक मा को सीन से गायब करने का आदेश दे दिया। बस यहीं से चीन की जिनपिंग सरकार के तमाम अफसर चालीस चोरों की तरह अलीबाबा फाउंडर के पीछे लग गए थे।