म्यूचुअल फँड की एसआईपी से मर्सडीज जैसी कंपनियों को हो रहा है घाटा
मुंबई- लग्जरी कार इंडस्ट्री के सामने एक नई चुनौती है और वह है सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) की जो भारतीयों को शेयर बाजार में आसानी से एंट्री करने देता है और म्युचुअल फंड के जरिए डेट की बचत करता है। यह सुनने में अजीब लग सकता है पर मर्सिडीज-बेंज इंडिया के सेल्स एंड मार्केटिंग हेड संतोष अय्यर का कहना है कि शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव के बावजूद एक ओर एसआईपी में प्रवाह बेरोकटोक जारी है, जबकि कारों जैसे प्रीमियम उत्पादों में डिस्पोजेबल इनकम उतनी नहीं है, जितनी कि होनी चाहिए।
अय्यर ने कहा कि लग्जरी कार इंडस्ट्री महामारी के बाद अपनी सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है, लेकिन इसकी वास्तविक बिक्री भारतीयों के पास जो धन संपत्ति है उससे बहुत दूर है। अगले साल जनवरी से मर्सिडीज के इंडिया ऑपरेशंस के एमडी और सीईओ के रूप में कार्यभार संभालने वाले अय्यर कहते हैं कि वैसे तो हर महीने 15,000 लोग लग्जरी कारों के बारे में पता कर रहे हैं, लेकिन ऑर्डर लगभग 1,500 लोग ही दे रहे हैं।
इसका तात्पर्य यह है कि फिर भी 13,500 ग्राहक हैं जो मर्सिडीज-बेंज के मालिक बनना चाहते हैं, लेकिन वे यह सोचकर अपनी खरीदारी स्थगित कर देते हैं कि यह तो ठीक है, पर शायद इससे ज्यादा जरूरी मुझे अपना एसआईपी जारी रखना चाहिए। या फिर वे कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रहे हों।
अय्यर अपनी सेल्स टीमों को एसआईपी निवेश के मुद्दे पर गौर करने के लिए कहते रहे हैं, ताकि उनकी कंपनी हाई ग्रोथ रेट हासिल कर सके। उनका कहना है कि एसआईपी हमारे प्रतिस्पर्धी हैं। मैं अपनी टीम से कहता हूं कि यदि आप उस (एसआईपी निवेश) चक्र को तोड़ने में सक्षम हैं, तो जबरदस्त ग्रोथ तय है।
इंडस्ट्री की बॉडी एम्फी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, बाजारों की चंचल प्रकृति, मंदी और बढ़ती महंगाई के डर के बावजूद, एसआईपी में निवेश आल टाइम हाई है। पिछले कुछ महीनों में लगातार 12,000 करोड़ रुपये को पार करने के बाद, एसआईपी में मासिक निवेश अक्टूबर 2022 में पहली बार 13,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड को पार कर गया।