रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 20 फीसदी करने की मांग
मुंबई- घरेलू कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के लिए सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने सरकार से पाम तेल पर 20 फीसदी आयात शुल्क लगाने की मांग की है। अभी यह 12.5 फीसदी है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में संगठन ने कहा है कि कच्चे पाम तेल (सीपीओ) और रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क में केवल 7.5 फीसदी का अंतर है। इससे बड़े पैमाने पर पाम तेल का आयात हो रहा है जिससे घरेलू रिफाइनिंग उद्योग की पूरी क्षमता का उपयोग नहीं हो पा रहा है।
एसईए ने कहा है कि सीपीओ और रिफाइंड पाम तेल आयात शुल्क में कम से कम 15 फीसदी की अंतर होना चाहिए। इसके लिए सीपीओ के शुल्क में बदलाव के बजाय रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क 20 फीसदी किया जाना चाहिए। ज्यादा शुल्क होने से तेल के आयात में कमी आएगी जिससे घरेलू तेलों की खपत बढ़ेगी।
भारत बड़े पैमाने पर तेल का आयात इंडोनेशिया और मलयेशिया से करता है। परंपरागत रूप से सीपीओ का आयात भारतीय रिफाइनरी करती हैं। देश में 2021-22 में 18.40 लाख टन रिफाइंड पाम तेल का आयात किया गया था। उसके पहले के साल में यह केवल 6.86 लाख टन था। जबकि इसी दौरान सीपीओ का आयात 74.91 लाख टन से घटकर 59.94 लाख टन पर आ गया था।