190 लाख करोड़ के पार हो सकता है बैंक जमा, आगे डिपॉजिट पर बढ़ेगा ब्याज
मुंबई- बैंकों में एक साल में जमा की रकम 190 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच सकती है। बैंकिंग सूत्रों के मुताबिक, उधारी की मांग को पूरा करने के लिए बैंकों के पास सबसे आसान तरीका एफडी पर ब्याज बढ़ाना है। अभी जमा की वृद्धि दर 9.5 फीसदी है, वहीं कर्ज में 17 फीसदी बढ़त है। इस तरह से जमा के अनुपात में कर्ज का उठाव दोगुना है। यस सिक्योरिटीज के समूह प्रमुख अमर अंबानी ने कहा कि बैंकों को जमा पर ब्याज बढ़ाना ही होगा।
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 4 नवंबर को समाप्त पखवाड़े में बैंकों के पास कुल 173.70 लाख करोड़ का जमा था। एक साल पहले यह 160.46 लाख करोड़ रुपये था। पिछले साल नवंबर से इस साल मई तक जमा पर ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई बावजूद इसके जमा में 13 लाख करोड़ की बढ़त दिखी। इस साल मई से आरबीआई द्वारा रेपो दर में 1.90 फीसदी की वृद्धि के बाद जमा पर ब्याज दरें जमकर बढ़ीं हैं। अब एफडी पर 8 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है।
इसी दौरान बैंकों का कर्ज 110.40 लाख करोड़ से बढ़कर 129.26 लाख करोड़ रुपये हो गया है। जमा की तुलना में इसमें 6 लाख करोड़ रुपये ज्यादा की बढ़त हुई है। पिछले साल जब होम लोन की ब्याज दरें ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर 6.35 फीसदी पर थीं, तब कर्ज में केवल 5.5 फीसदी की वृद्धि हुई थी। लेकिन कर्ज पर ब्याज 9 फीसदी के ऊपर पहुंच चुका है तो इसमें वृद्धि 17 फीसदी की है। इस भारी भरकम कर्ज की मांग पूरा करने के लिए जमा पर ज्यादा ब्याज देना ही होगा।
21 अक्तूबर के हफ्ते में जमा 172.03 लाख करोड़ रुपये पर था। सिंतबर, 2020 से देखें तो इसमें 30 लाख करोड़ की बढ़त आई है। उस समय जमा 142.63 लाख करोड़ रुपये था। इस साल 23 सितंबर को जमा 170.31 लाख करोड़ रुपये था। क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 और 2024 में कर्ज की रफ्तार 15 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। ऐसे में अनुमान है कि 2024 में बैंकों की कुल उधारी 164 लाख करोड़ रुपये हो सकती है।