15 साल पुरानी गाड़ियां अब सड़क पर नहीं चलेंगी, राज्यों को भेजा गया आदेश
मुंबई- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत सरकार के 15 साल से अधिक पुराने सभी वाहनों को कबाड़ में बदला जाएगा और इससे संबंधित नीति राज्यों को भेजी गई है। गडकरी ने नागपुर में वार्षिक कृषि प्रदर्शनी ‘एग्रो-विजन’ के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही।
गडकरी ने कहा कि 15 साल से अधिक पुरानी सरकारी गाड़ियां सड़कों पर नहीं चलेगी। सभी राज्यों से 15 साल से अपनी पुरानी गाड़ियों को हटाने को कहा गया है। इसमें कारों के अलावा बसें और ट्रक भी शामिल हैं। इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। सरकार पहले ही वीकल स्क्रैपेज पॉलिसी की घोषणा कर चुकी है।
स्क्रैप पॉलिसी के तहत 2023 से सभी तरह के भारी व्यावसायिक वाहनों को अनिवार्य तौर पर फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। वहीं प्राइवेट वाहनों के लिए यह व्यवस्था जून, 2024 से लागू होगी। गडकरी ने कहा, ‘मैंने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में एक फाइल पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत भारत सरकार के सभी 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को कबाड़ में बदल दिया जाएगा।
मैंने भारत सरकार की इस नीति को सभी राज्यों को भेज दिया है। उन्हें भी राज्यों के स्तर पर इसे अपनाना चाहिए।’ गडकरी ने कहा कि पानीपत में इंडियन ऑयल के दो संयंत्र लगभग शुरू हो गए हैं, जिनमें से एक प्रतिदिन एक लाख लीटर एथनॉल का उत्पादन करेगा, जबकि दूसरा संयंत्र चावल के भूसे का उपयोग करके प्रतिदिन 150 टन बायो-बिटुमेन का निर्माण करेगा।
केंद्रीय मंत्री कहा कि यह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और चावल उपजाने वाले राज्यों में एक बड़ा बदलाव है, जहां चावल की पराली जलाने से प्रदूषण होता है। अब चावल के भूसे का इस्तेमाल इथेनॉल और बायो बिटुमेन बनाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन संयंत्रों से पराली जलाने की समस्या में कमी आएगी।हमें देश में और ज्यादातर सड़क परिवहन विभाग में 80 लाख टन बायो-बिटुमेन की जरूरत है। देश में लगभग 50 लाख टन बिटुमेन का निर्माण होता है और हम इसका लगभग 25 लाख टन आयात करते हैं।