धोखाधड़ी से बचाने के लिए साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार कर रहा सेबी
मुंबई- सेबी स्टॉक ब्रोकरों के लिए एक साइबर सुरक्षा ढांचा तैयार करने की योजना बना रहा है। यह ढांचा साइबर धोखाधड़ी, डेटा लीक के संभावित जोखिमों के प्रभाव को कम करने में मदद करेगा। साथ ही इससे व्यापारिक खातों की हैकिंग भी रोकी जाएगी। एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह ने बताया कि इस रूपरेखा का लक्ष्य स्टॉक ब्रोकरों के साथ-साथ उनके ग्राहकों की सुरक्षा करना है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने दिशानिर्देशों को तैयार करने के लिए एक पैनल की स्थापना की है। इसमें नियामक, स्टॉक एक्सचेंजों और स्टॉक ब्रोकरों का समूह एएनएमआई के प्रतिनिधि शामिल हैं। प्रतिभूति बाजार में तेजी से तकनीकी विकास से डेटा पर जोखिम आ रहा है। इसकी रक्षा और गोपनीयता के उल्लंघन के खिलाफ सुरक्षा को स्टॉक ब्रोकरों के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा और लचीलापन ढांचे की जरूरत महसूस की जा रही है।
शाह ने कहा, स्टॉक ब्रोकरों के पास निवेशकों के बहुत सारे महत्वपूर्ण डेटा होते हैं। यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे ऐसे डेटा को संभावित साइबर धोखाधड़ी और ट्रेडिंग खातों की हैकिंग से बचाएं, ताकि निवेशकों को किसी भी साइबर घटना के कारण नुकसान का सामना करना पड़े। समिति दिसंबर के अंत तक सेबी को दिशानिर्देशों का मसौदा पेश कर सकती है। हालांकि, अंतिम नियमों को लागू करने में कम से कम एक साल का समय लगेगा।
उन्होंने कहा, समिति एक ऐसे समाधान पर काम कर रही है जो छोटे दलालों के लिए भी वहन करने योग्य होगा। जून में सेबी ने स्टॉक ब्रोकरों से कहा था कि वे ऐसी घटनाओं का पता चलने के छह घंटे के भीतर उनके द्वारा अनुभव किए गए सभी साइबर हमलों, खतरों और उल्लंघनों की रिपोर्ट करें। उन्हें तय समय के भीतर एक्सचेंजों, डिपॉजिटरी और नियामक को ऐसी घटनाओं की सूचना देनी होती है।