राजीव गांधी की हत्यारिन नलिनी ग्रेजुएट और पुलिस इंस्पेक्टर की बेटी थी
मुंबई- लंबाई 5 फीट 4 इंच। जेल में सबसे लंबा वक्त बिताने वाली महिला। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नलिनी श्रीहरन को रिहा कर दिया। समय से पहले रिहाई की मांग को लेकर उसने देश की सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाया था। कांग्रेस ने रिहाई के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। नलिनी ने खुद के बारे में कहा कि वह आतंकवादी नहीं है। उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने साथ दिया।
इसके पहले मद्रास हाईकोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज कर दी थी। नलिनी के पिता इंस्पेक्टर थे। मां नर्स। उन्हें महात्मा गांधी ने ‘पद्मावती’ नाम दिया था। बेहद पढ़े-लिखे मलयालम परिवार से ताल्लुक रखने वाली नलिनी श्रीहरन गुनाह के रास्ते पर कैसे चल पड़ी? पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में नलिनी का क्या किरदार था? कैसे वह उस साजिश का हिस्सा बनी जिसने पूर्व प्रधानमंत्री की जान ली? आइए, यहां जानते हैं।
1967 में नलिनी का जन्म तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में हुआ। परिवार पढ़ा-लिखा था। तमिलनाडु पुलिस में पिता इंस्पेक्टर थे। मां चेन्नई अस्पताल में नर्स। बताया जाता है कि महात्मा गांधी ने नलिनी की मां को पद्मावती नाम दिया था। तीन भाई-बहनों में नलिनी सबसे बड़ी थी। बहन कल्याणी और भाई पीएस भाग्यनाथन दोनों बहन के दुलारे थे। नलिनी ने चेन्नई के इथिराज कॉलेज से इंग्लिश लिट्रेचर में बीए किया। सबकुछ सही चल रहा था। तभी जिंदगी ने पलटी मारी।
नलिनी फरवरी 1991 में श्रीहरन उर्फ मुरुगन के संपर्क में आई। मुरुगन श्रीलंकाई था। लिट्टे कार्यकर्ता जिसने नलिनी का रास्ता बदल दिया। उसने नलिनी का दिमाग ऐसा फेरा कि वह लिट्टे के संघर्ष में शामिल हो गई। फिर नलिनी उस रास्ते आगे बढ़ी जहां से लौटना नामुमकिन था। वह उस टीम का हिस्सा बनी जिसने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की पूरी स्क्रिप्ट लिखी और उसे अंजाम दिया।
21 मई 1991। तमिलनाडु के श्रीपेरुंबदूर में राजीव एक चुनावी सभा में पहुंचे थे। यहीं उन्हें खत्म कर देने का प्लान बनाया गया था। टीम के दूसरे सदस्यों के साथ नलिनी भी वहां पहुंची थी। इसमें सिवरसन, सुभा, धानु और हरिबाबू शामिल थे। मुख्य साजिशकर्ता सिवरसन था। धानु को मानव बम (आत्मघाती हमलावर) बनाकर लाया गया था। जब धानु ने राजीव गांधी की बम से उड़ाकर जान ली थी तो भीड़ में नलिनी और सुभा भी मौजूद थीं। ये पूरे एग्जीक्यूशन पर नजर रख रही थीं।
राजीव की हत्या के बाद कई दिनों तक नलिनी मुरुगन के साथ फरार रही। 14 जून 1991 को स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) ने नलिनी को मुरुगन के साथ गिरफ्तार कर लिया। तब तक उसने मुरुगन से शादी कर ली थी। चेन्नई में सैदापेट बस स्टैंड से उन्हें पकड़ा गया था। गिरफ्तारी से पहले वह एक प्राइवेट कंपनी में स्टेनोग्राफर के तौर पर काम कर रही थी।
जब नलिनी को जेल में बंद किया गया था तब वह गर्भवती थी। उसकी कोख में दो महीने का बच्चा पल रहा था। 21 जनवरी 1992 को उसने जेल में बेटी को जन्म दिया। दो साल तक वह अपनी बेटी को नहीं देख सकी। फिर 6 साल की उम्र में बेटी को रिहा कर दिया गया। बेटी को दादी लंदन लेकर चली गईं। वह अब लंदन में डॉक्टर है।
28 जनवरी 1998 को 25 अन्य दोषियों के साथ नलिनी को टाडा कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई। राजीव की पत्नी सोनिया गांधी ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका डालकर नलिनी की मौत की सजा को रद्द करने की अपील की। नतीजतन, 24 अप्रैल 2000 को सुप्रीम कोर्ट ने उसकी सजा को घटाकर उम्रकैद कर दिया।
राजीव गांधी की हत्या के सिलसिले में सीबीआई ने नलिनी की मां और भाई को भी 1991 में गिरफ्तार किया था। यह और बात है कि 1998 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने छोड़ दिया था। जेल में रहकर नलिनी ने 2009 में इग्नू से एमसीए पूरा किया। इस परीक्षा को देने वाले अन्य कैदियों में वह टॉपर रही। 19 मार्च 2008 को राजीव की बेटी प्रियंका गांधी ने नलिनी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में नलिनी ने प्रियंका को बताया था कि न तो उसे और न ही उसके पति को राजीव की हत्या की साजिश के बारे में पता था।