14 फीसदी एनपीए, फिर भी रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा ज्यादा कर्ज 

मुंबई- प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि स्कीम (पीएम-स्वनिधि) के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को दी जाने वाली रकम को दोगुना करने की केंद्र सरकार की योजना है। इसके तहत तीन चरणों में 10,000, 20,000 और 50,000 रुपये का कर्ज दिया जाता है। अब 10 हजार वाले कर्ज की सीमा बढ़ाकर 20 हजार किए जाने की योजना है।  

इसे कोरोना के समय जुलाई, 2020 में शुरू किया गया था। हालांकि, इस कर्ज को चुकाने की दर काफी कम है, जिससे बुरा फंसा कर्ज (एनपीए) 14 फीसदी के करीब है। इस मामले में आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय बैंकों के साथ चर्चा कर रहा है कि कैसे तीनों चरणों को फिर से नए रूप में लाया जा सकता है। 

दरअसल, यह फैसला इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि 10 हजार रुपये के कर्ज के आवेदन में कमी आ रही है। 2020 में कर्ज शुरू होने के पहले 9 माह में बैंकों ने 10 हजार रुपये के कुल 20 लाख कर्ज बांटे थे। दूसरे साल में 9 लाख कर्ज बांटे गए जबकि इस साल सिंतबर तक केवल 2 लाख ही कर्ज दिए गए हैं। 

मंत्रालय को दिल्ली और मुंबई के कई संगठनों से इस बारे में पत्र मिला है कि 10 हजार वाले कर्ज की सीमा बढ़ा दी जाए। इसी आधार पर सरकार योजना बना रही है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, इस योजना के तहत 14 फीसदी के करीब कर्ज एनपीए बन गए हैं। इसके तहत उन लोगों पर फोकस किया जाता है जो मूलरूप से दूसरे शहरों से अपने शहर या गांव आए हैं। 

मंत्रालय ने स्वनिधि से समृद्धि पहले के साथ पीएम स्वनिधि को एक कदम आगे बढ़ाया है जो स्वनिधि लाभार्थियों के परिवार के सदस्यों को अन्य प्रमुख योजनाओं से जोड़ता है। इसके तहत अब तक 57.31 लाख आवेदन मिले हैं जिसमें से 41.67 लाख मंजूर हुए। 36.83 लाख को कर्ज दिया गया जो 4,203 करोड़ रुपये है। हालांकि मंजूर रकम 4,990 करोड़ रुपये है। औसतन 26 दिन में कर्ज दिया जाता है। कर्ज पाने वाले शीर्ष राज्यों में मध्य प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश हैं। यूपी में 12.27 लाख आवेदन आए थे। 

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