कीमतें बढ़ने से एफएमसीजी की खपत में गिरावट, गांवों में खरीदारी पर असर 

मुंबई- देश के फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) उद्योग पर अर्थव्यवस्था की सुस्ती का सीधा असर दिख रहा है। इससे इनकी खपत सिंतबर तिमाही में घट गई है। इस दौरान इस उद्योग के वोल्यूम में 0.9 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। खासकर गांवों में खरीदारी पर बुरा असर दिख रहा है। एनालिटिक्स फर्म निल्सन आईक्यू ने एक रिपोर्ट में कहा है कि कंपनियों द्वारा उत्पादों की कीमतें बढ़ाए जाने से ग्राहक लगातार एफएमसीजी के छोटे पैक की खरीदी कर रहे हैं। 

बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार चौथी तिमाही में एफएमसीजी कंपनियों के वोल्यूम में गिरावट आई है। पिछले 6 महीने में इस उद्योग के उत्पादों की कीमतों में 10 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि आई है। ग्रामीण बाजार में वोल्यूम सितंबर तिमाही में 3.6 फीसदी गिरा है जो जून तिमाही में 2.4 फीसदी घटा था। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि गांवों की खपत में आई गिरावट का मुख्य कारण उत्पादों की कीमतों के बढ़ने और बिक्री कम होना रहा है। हालांकि, सितंबर तिमाही में शहरी इलाकों के वोल्यूम में 1.2 फीसदी की वृद्धि रही है। खाद्य सेगमेंट में विकास दर 3.2 फीसदी रही है जबकि गैर खाद्य सेगमेंट की बिक्री में 3.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। 

हालांकि, रिपोर्ट ने कहा है कि भारतीय एफएमसीजी उद्योग राजस्व में लगातार वृद्धि हासिल कर रहा है जो सितंबर तिमाही में 8.9 फीसदी रहा है। वोल्यूम और वैल्यू दोनों कोरोना पूर्व स्तर पर इस समय पहुंच चुके हैं, क्योंकि बाजार पूरी तरह से अब खुल चुका है। 

रिपोर्ट के अनुसार, कच्ची सामग्री की कीमतें बढ़ने से कंपनियां इस समय छोटे पैक पर फोकस कर रही हैं और ग्राहक इसे ही पसंद कर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि छोटी और शीर्ष 400 एफएमसीजी कंपनियां ही खपत को मूलरूप से चला रही हैं। इनके वोल्यूम में 0.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। इन कंपनियों के मूल्य और वोल्यूम दोनों में पिछली 2-3 तिमाहियों से वृद्धि हो रही है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *