दिसंबर तक 7 फीसदी बढ़ सकती हैं स्मार्टफोन हैंडसेट की कीमतें
मुंबई- अक्तूबर से दिसंबर तक देश में स्मार्टफोन हैंडसेट की कीमतें 5-7 फीसदी तक बढ़ सकती हैं। डॉलर की तुलना में रुपये में लगातार गिरावट से लगातार मांग पर असर हो रहा है। इस वजह से इस साल स्मार्टफोन का शिपमेंट भी कम हो सकता है।
उद्योग के अधिकारियों के मुताबिक, त्योहारी मौसम के दौरान मांग बढ़ाने के लिए स्मार्टफोन ब्रांड बड़े पैमाने पर आयातित कलपुर्जों की बढ़ी हुई लागत को खुद वहन कर रहे हैं। लेकिन अब वे इस बढ़ी हुई लागत का भार ग्राहकों पर डालना चाहते हैं। इस वजह से स्मार्टफोन की औसत कीमत चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 20,000 रुपये तक जा सकती है जो अप्रैल-जून में 17,000 रुपये थी।
मोबाइल फोन कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि डॉलर की तुलना में रुपये में आई गिरावट का निश्चित तौर पर लागत पर असर होगा। पिछले कुछ महीनों से हम इस लागत को खुद वहन कर रहे हैं। ऐसे में अगर आगे अमेरिका में मौद्रिक नीतियों को और कठोर किया जाता है और रुपये में गिरावट आती है तो निश्चित तौर पर इसका भार ग्राहकों को उठाना होगा। त्योहारी मौसम के जाद कम से कम 5-7 फीसदी कीमतें बढ़ सकती हैं। खासकर उन स्मार्टफोन की कीमतें, जो एंट्री लेवल के हैं।
एक अधिकारी ने कहा कि रुपये में उतार-चढ़ाव का बड़ा असर सामग्री के बिल पर पड़ता है। देश में बनने वाले स्मार्टफोन अभी भी विदेश से आने वाले कलपुर्जों पर ही निर्भर हैं। यह ज्यादातर बजट स्मार्टफोन पर असर डालेगा। त्योहारी मौसम के बाद इसका असर सीधे ग्राहकों पर पड़ेगा। कीमतें बढ़ने से सालाना आधार पर बिक्री भी प्रभावित हो सकती है। डॉलर की तुलना में 9 अक्तूबर को रुपया कमजोर होकर 82.86 तक पहुंच चुका था।
पये की गिरावट के कारण हम लगातार कलपुर्जों के आयात पर ज्यादा पैसा दे रहे हैं। इसमें चिपसेट्स, मेमोरी, इमेज सेंसर्स और कुछ मामलों में डिस्प्ले भी शामिल हैं। इसमें हमारे पास दो विकल्प हैं। या तो हम अपने मुनाफे पर इसका असर देखें या फिर ग्राहकों पर इसका भार डालें। फिलहाल के लिए हम फोन की लागत नहीं बढ़ा रहे हैं लेकिन रुपये की कमजोरी आगे भी रही तो कीमतों को बढ़ाना ही होगा।