1990 की तरह दुनिया भर में आ सकती है मंदी, होगी बड़ी दिक्कत 

मुंबई- अमेरिकी इकोनॉमी में मंदी पर छिड़ी बहस के बीच रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने एक नई बात कही है। फिच ने बताया है कि उच्च मुद्रास्फीति और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बड़ी ब्याज दरों में बढ़ोतरी की वजह से देश की इकोनॉमी मंदी की ओर तो जा रही है लेकिन यह 1990 के पैटर्न की तरह होगी। फिच ने कहा कि फेड रिजर्व ब्याज दरें बढ़ाकर उपभोक्ता खर्च को इस हद तक कम कर देगा कि यह 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान मंदी का कारण बनेगा। 

हालांकि, उम्मीद की किरण यह है कि अगली मंदी पिछले दो प्रमुख मंदी की तरह विनाशकारी नहीं होगी। फिच रेटिंग्स के अर्थशास्त्रियों ने कहा कि हम जिस अमेरिकी मंदी की उम्मीद कर रहे हैं वह काफी हल्की है। ठीक उसी तरह की मंदी है, जैसी 1990 के दौरान थी। 

हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने इस साल और अगले साल के लिए अमेरिका की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को भी घटा दिया है। फिच के मुताबिक अगले साल जीडीपी के सिर्फ 0.5% बढ़ने की उम्मीद है। इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने जून माह में 1.5% से नीचे रहने का पूर्वानुमान लगाया था। 

फिच रेटिंग्स का ये अनुमान ऐसे समय में आया है जब वॉल स्ट्रीट के कई अर्थशास्त्री इस बात पर कायम हैं कि अमेरिकी मुद्रास्फीति अगले वर्ष में काफी धीमी हो जाएगी। आपको बता दें कि अर्थशास्त्रियों ने अगली कुछ तिमाहियों के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमानों को बढ़ा दिया था। 

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