पहली छमाही में आईटी कंपनियों ने 1.05 लाख फ्रेशर्स को दी नौकरी 

मुंबई- चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश की चार प्रमुख सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों ने 1.05 लाख फ्रेशर्स लोगों को नौकरी दी है। पिछले साल इसी अवधि में 97,000 लोगों की भर्ती इन कंपनियों ने की थी।  

कंपनियों का मानना है कि नए कर्मचारी अनिश्चितता के माहौल में ज्यादा विश्वसनीय होते हैं। इसलिए वरिष्ठ स्तर पर नियुक्ति के बजाय प्रशिक्षण कार्यक्रम को बढ़ाने पर फोकस है। देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) को छोड़कर बाकी कंपनियों में पिछली तिमाही में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर कम या स्थिर रही है। 

टीसीएस के एक अधिकारी ने कहा कि हमने पिछली दो तिमाहियों में 35,000 लोगों की भर्ती की है। हम 6-9 महीने इनकी प्रतिभाओं को विकसित करने में खर्च करेंगे। दूसरी तिमाही में इन कंपनियों ने बहुत ज्यादा बदलाव फ्रेशर्स की योजनाओं में नहीं किया है। पिछले साल इन कंपनियों ने 2.30 लाख लोगों की नियुक्ति की थी। इस साल ऐसा अनुमान है कि यह संख्या 1.57 लाख रह सकती है। यानी इसमें 30 फीसदी की गिरावट की आशंका है। 

इन्फोसिस ने कहा है कि वह चालू वित्त वर्ष में 50,000 लोगों की भर्ती कर सकती है। पहली छमाही में इसने 40,000 लोगों की भर्ती पहले ही कर ली है। विप्रो की योजना कुल 30 हजार लोगों को नियुक्त करने की है। इसने पहली छमाही में 14,000 लोगों की भर्ती कर ली है। पिछले साल कुल भर्तियों की तुलना में यह 72 फीसदी है। एचसीएल टेक ने कहा है कि वह पहली छमाही में 16,000 लोगों को नौकरी दी है और उसकी योजना मार्च तक 30 हजार लोगों को नौकरी देने की है। 

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