अब स्टार्टअप कंपनियों को बिना गारंटी के मिलेगा 10 करोड़ तक का कर्ज 

नई दिल्ली। देश के स्टार्टअप को बिना गारंटी के 10 करोड़ रुपये का कर्ज मिल सकेगा। सरकार ने इसके लिए एक क्रेडिट गारंटी योजना को अधिसूचित किया है। इसके तहत एक तय सीमा तक बिना किसी गारंटी के कर्ज दिया जाएगा।  

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने कहा कि 6 अक्तूबर या उसके बाद मंजूर किए गए कर्ज इस योजना के लिए पात्र होंगे। सरकार ने योग्य उधारकर्ताओं को वित्तपोषण के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (सीजीएसएस) को मंजूरी दी है। इससे देश की स्टार्टअप कंपनयिों को फंड जुटाने में मदद मिलेगी। इसके तहत एक उधारकर्ता पर अधिकतम गारंटी कवर 10 करोड़ रुपये होगी। साथ ही इस क्रेडिट सुविधा को किसी अन्य गारंटी योजना के तहत कवर नहीं किया जाएगा। 

इस योजना के लिए भारत सरकार एक ट्रस्ट या फंड की स्थापना करेगी। यह ट्रस्ट ही कर्ज के लिए गारंटी देने का काम करेगा। इसका प्रबंधन नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी के बोर्ड की ओर से किया जाएगा। ट्रस्ट की जिम्मेदारी स्टार्टअप को दिए गए कर्ज के डिफॉल्ट होने पर कर्ज देने वाले बैंक को भुगतान की गारंटी देना है। इसका उद्देश्य सही उधारकर्ताओं को दिए गए कर्ज में चूक की स्थिति में भुगतान की गारंटी देना है। वे स्टार्टअप इसके लिए पात्र होंगे, जो स्थिर राजस्व हासिल कर रहे हैं। 

कर्ज पाने के लिए स्टार्टअप का पिछले 12 महीने के मासिक विवरण ऑडिट होगा। साथ ही ऐसे स्टार्टअप को किसी भी कर्ज में डिफॉल्ट नहीं होना चाहिए। आरबीआई ने एनपीए की सूची में नहीं डाला हो। कर्ज के लिए एक मेंबर इंस्टीट्यूशन (एमआई) बनाया जाएगा। इसमें बैंक और वित्तीय संस्थान शामिल होंगे। 

पिछले कुछ सालों में केंद्र सरकार की ओर से स्टार्टअप को काफी मदद मिल रही है। इसी वजह से 100 स्टार्टअप अब तक यूनिकॉर्न बन चुके हैं। जिन स्टार्टअप का मूल्यांकन एक अरब डॉलर होता है, उनको यूनिकॉर्न कहा जाता है। 

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