नंबर बदलकर नहीं हो पाएगी धोखाधड़ी, दूरसंचार कंपनियों के लिए एक ही केवाईसी
मुंबई- आने वाले समय में अलग-अलग सिम कार्ड खरीद कर फोन करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। साथ ही जिस भी नंबर से फोन आएगा, उसका वास्तविक नाम मोबाइल स्क्रीन पर दिखेगा। इसके लिए सभी दूरसंचार कंपनियों को एक ही केवाईसी अपनाने के लिए एक सिस्टम स्थापित करना होगा, ताकि फर्जी कॉल करने वालों और स्पैमर्स की जांच हो सके।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस में दूरसंचार नियामक ट्राई के चेयरमैन पीडी वाघेला ने कहा कि वर्तमान में धोखाधड़ी वाले कॉल और संदेशों में लिप्त वास्तविक अपराधी को ढूंढ़ना मुश्किल है। इसे हल करने के लिए कोशिश हो रही है। सभी दूरसंचार कंपनियों के लिए यह अनिवार्य किया जाएगा कि फोन करने वाले का नाम मोबाइल स्क्रीन पर जरूर दिखे।
वाघेला ने कहा कि स्पैमर्स अपने पहले नंबर को ब्लॉक करने के बाद दूसरे नंबर का उपयोग करते हैं। लेकिन अब इस पर भी रोक लगेगी। इसके लिए कंपनियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग का उपयोग करना होगा। हालांकि, ऐसे लोग जो चाहते हैं कि फोन करते समय उनका नंबर नहीं दिखे तो इसकी भी व्यवस्था होगा। इससे गोपनीयता बनी रहेगी।
नए दूरसंचार विधेयक में धोखाधड़ी और आपराधिक गतिविधियों की जांच व दूरसंचार सेवाओं का लाभ उठाने के लिए झूठे कागजात देने पर एक साल की सजा का प्रावधान है।