सुजलॉन एनर्जी के संस्थापक तुलसी तांती का निधन, विंड एनर्जी के थे जनक
मुंबई- सुजलॉन एनर्जी के संस्थापक तुलसी तांती का दिल का दौरा पड़ने से शनिवार को निधन हो गया। वे अहमदाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस से पुणे लौट रहे थे। उसी समय उनके सीने में दर्द हुआ और अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनका निधन हो गया। वे 1958 में गुजरात के राजकोट में जन्मे थे।1995 में उन्होंने सुजलॉन की स्थापना की थी, जिसका मूल्यांकन इस समय 8,535 करोड़ रुपये है।
वे अपने पीछे पत्नी, एक पुत्री और एक पुत्र छोड़ गए हैं। उनका निधन ऐसे समय में हुआ है, जब कंपनी कर्ज चुकाने के लिए 1,200 करोड़ रुपये जुटाने वाली थी। इसका राइट्स इश्यू 11 अक्तूबर को खुलेगा। 64 वर्षीय तांती देश में विंड एनर्जी कारोबार के अगुआ माने जाते हैं। स्वच्छ ऊर्जा में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध विशेषज्ञ तांती ने 1995 में रिनुवेबल एनर्जी उद्योग में तब अवसर की कल्पना की, जब वैश्विक स्तर पर विंड एनर्जी बाजार में अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का दबदबा था।
उनके नेतृत्व में सुजलॉन एनर्जी देश की सबसे बड़ी विंड एनर्जी कंपनी बनी। भारतीय बाजार में इसकी हिस्सेदारी 33 फीसदी है। मोदी ने सोशल मीडिया पर जारी शोक संदेश में कहा कि तुलसी तांती एक अग्रणी कारोबारी थे जिन्होंने भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान दिया। उनके असमय निधन से आहत हूं। उनके परिवार और मित्रों के लिए संवेदनाएं।
कंपनी के पास वर्तमान में 100 से ज्यादा विंड फार्म और लगभग 13,450 मेगावाट की इंस्टॉल कैपेसिटी है, यह प्राइवेट और पब्लिक पावर यूटिलिटी और इलेक्ट्रिसिटी प्रोड्यूसर्स को पूरा करती है। इसने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और तमिलनाडु सहित 9 राज्यों में एशिया के कुछ सबसे बड़े ऑपरेशन ऑनशोर और विंड फार्म भी विकसित किए हैं। फिलहाल सुजलॉन एनर्जी का मार्केट कैप 8,535.90 करोड़ रुपए है।

