केंद्र सरकार ने दी मुकेश अंबानी को जेड प्लस सुरक्षा, महीने का 45 लाख खर्च
मुंबई- केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए)ने उद्योगपति मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी बढ़ा दी है। MHA ने उन्हें Z+ कैटेगरी की सिक्योरिटी दी है। सिक्योरिटी पर आने वाले खर्च का भुगतान मुकेश अंबानी करेंगे। यह खर्च 40 से 45 लाख रुपए महीना होगा। इससे पहले उन्हें Z कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हुई थी।
इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) की सिफारिश पर गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। IB ने मुकेश अंबानी पर खतरे का अंदेशा जताया था। मुकेश अंबानी की सिक्योरिटी ऐसे समय में बढ़ाई गई है, जब पिछले साल उनके घर एंटीलिया के बाहर एक संदिग्ध कार मिली थी, जिसमें जिलेटिन की 20 छड़ें पाई गई थीं। इसके अलावा उन्हें धमकी भरे कॉल भी मिलते रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कई दिनों से अंबानी की सिक्योरिटी बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार विचार कर रही थी। CRPF के करीब 58 कमांडो मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सिक्योरिटी में 24 घंटे तैनात रहेंगे। ये कमांडो जर्मनी में बनी हेकलर एंड कोच MP5 सब मशीन गन समेत कई आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। इस गन से एक मिनट में 800 राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं।
बता दें कि Z+ सिक्योरिटी भारत में VVIP की सबसे हाई लेवल की सुरक्षा है, इसके तहत 6 सेंट्रल सिक्योरिटी लेवल होते हैं। पहले से ही अंबानी की मुंबई में मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया पर आम दिनों में भी सख्त सुरक्षा इंतजाम रहते हैं। पिछले महीने मिली धमकी की शिकायत के बाद उनकी सिक्योरिटी बढ़ा दी गई थी।
CRPF के अलावा मुकेश अंबानी के पास करीब 15-20 पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स भी हैं, जो बिना हथियारों के यानी निहत्थे होते हैं। उनके पर्सनल गार्ड्स को इजराइल स्थित सिक्योरिटी-फर्म ने ट्रेनिंग दी है। अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में तैनात ये प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स भी क्राव मगा (इजराइली मार्शल आर्ट) में ट्रेंड हैं। ये गार्ड्स दो शिफ्ट में काम करते हैं, जिनमें भारतीय सेना के रिटायर्ड और NSG के जवान भी शामिल हैं।
मुकेश अंबानी को साल 2013 में हिजबुल मुजाहिद्दीन से धमकी मिलने के बाद तत्कालीन मनमोहन सिंह की सरकार ने Z+ सिक्योरिटी मुहैया कराई थी। उनकी पत्नी नीता अंबानी को 2016 में केंद्र सरकार ने Y+ सिक्योरिटी प्रदान की थी। उनके बच्चों को भी महाराष्ट्र सरकार की ओर से ग्रेडेड सुरक्षा दी जाती है।