महंगाई का एक और झटका लगेगा, सीमेंट, गेहूं, चीनी और नमक होगा महंगा 

मुंबई- अगले महीने महंगाई का एक और झोंका आने वाला है। इसकी वजह भारतीय रेल है। दरअसल, तीन साल के बाद रेलवे एक बार फिर से माल ढुलाई पर 15 फीसदी का बिजी सीजन सरचार्ज लगाने जा रहा है। इससे चावल और गेहूं ही नहीं, नमक, चीनी, सीमेंट, रासायनिक खाद आदि भी महंगे हो जाएंगे। 

त्योहारी मौसम शुरू होने के साथ ही रेलवे का बिजी सीजन शुरू हो जाता है। इस दौरान न सिर्फ ट्रेन में भीड़ बढ़ जाती है बल्कि माल गाड़ी से भी ढुलाई की मांग बढ़ जाती है। इसलिए रेलवे हर साल एक अक्टूबर से अगले साल के 30 जून तक माल भाड़े पर बिजी सीजन सरचार्ज लगाता है। पहले इसका रेट 12 फीसदी था। मार्च 2018 में इसे बढ़ा कर 15 फीसदी कर दिया गया था। 

साल 2019 के दौरान जब देश में आर्थिक गतिविधियां ठहर रही थी, तब रेलवे ने बिजी सीजन सरचार्ज को हटाने का फैसला किया था। उसके बाद साल 2020 में तो कोरोना की वजह से लॉकडाउन ही था। साल 2021 में भी स्थिति नहीं सुधरी, इसलिए इसे फिर से लगाने का फैसला नहीं हुआ। अब जबकि अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही दिखती है तो रेलवे ने एक बार फिर से इसे लगाने का फैसला किया है। 

रेलवे बोर्ड के अधिकारी बताते हैं कि एक अक्टूबर 2022 से सभी तरह से गुड्स ट्रेफिक पर बिजी सीजन सरचार्ज लगेगा। हालांकि, इससे सभी तरह का कोयला और कंटेनर तथा आॅटोमोबाइल ट्रेफिक को अलग रखा गया है। लेकिन इससे उद्योग जगत और आम जनता को राहत नहीं मिलेगी क्योंकि खाद्यान्न से लेकर रासायनिक खाद तक का ढुलाई भाड़ा तो बढ़ ही जाएगा। सीमेंट, लोहा आदि की भी ढुलाई महंगी होगी तो मकान बनाना भी महंगा हो जाएगा। 

लोहा-इस्पात उद्योग का चाहे कच्चा माल हो या तैयार माल, सभी की ढुलाई माल गाड़ी से ही होती है। इसी तरह पेट्रोलियम पदार्थों की भी अधिकतर ढुलाई रेल मार्ग से ही होती है। खाद्यान्न, चीनी, खाद्य तेल, नमक आदि की भी ढुलाई इसी से होती है। इसलिए इन वस्तुओं की ढुलाई महंगी होने से बाजार में महंगाई बढ़ना तय है। 

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