बैंकों के कर्ज चुकाने में दिल्ली और महाराष्ट्र पीछे, 8.58 लाख करोड़ का डिफॉल्ट
मुंबई- देश भर में बैंकों का कर्ज चुकाने के मामले में महाराष्ट्र और दिल्ली के लोग पीछे हैं। ट्रांसयूनियन सिबिल के अनुसार, इन दोनों राज्यों और केंद्र् शासित प्रदेश के 30,359 कर्जदारों ने बैंकों का 8.58 लाख करोड़ रुपये का कर्ज डिफॉल्ट कर दिया है। यह सभी एक करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज लेने वालों की सूची में हैं। इन कर्जदारों के खिलाफ तमाम बैंकों ने मामला भी दर्ज कराया है। यह आंकड़ा 31 मार्च, 2022 तक का है।
रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च, 2017 के बाद से इस कर्ज में तीन गुना की बढ़त आई है। उस समय यह कर्ज 32 राज्यों में 2.58 लाख करोड़ रुपये था और कर्जदारों की संख्या 17,236 थी। इनके खिलाफ भी बैंकों ने मामले दर्ज कराए हैं। डिफॉल्ट कर्ज में सरकारी बैंकों का हिस्सा ज्यादा है। 12 सरकारी बैंकों ने 20 हजार से ज्यादा मामले दर्ज कराए हैं। इनका बकाया 5.90 लाख करोड़ रुपये है। यानी कुल बकाये का आधे से ज्यादा इन्हीं का है।
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का बकाया 1.60 लाख करोड़ रुपये का है जबकि पंजाब नेशनल बैंक का बकाया 1.08 लाख करोड़ रुपये है। इसी तरह अन्य बैंकों का भी बकाया है। निजी क्षेत्र के बैंकों ने कुल 6,897 केस फाइल किया है। इनका 1.32 लाख करोड़ रुपये बकाया है। विदेशी बैंकों ने 572 लोगों को 13,669 करोड़ रुपये बकाया दिया है। 20 सहकारी बैंको का 442 लोगों पर 3,599 करोड़ रुपये बाकी है जो डिफॉल्ट हो चुके हैं।
डिफॉल्टरों की संख्या में महाराष्ट्र शीर्ष पर है जहां 7,954 लोग डिफॉल्ट हैं। इनके पास 3.82 लाख करोड़ रुपये बाकी है। 2017 में इनकी संख्या 4,726 थी जिन पर 81,027 करोड़ रुपये बाकी थे। दिल्ली में 2,867 लोगों पर 1.14 लाख करोड़ रुपये बाकी हैं जो 2017 में 28,817 करोड़ रुपये था। तीसरे नंबर पर तेलंगाना है जहां 1,319 मामलों में 59 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम है।
बैंकों के अलावा अन्य वित्तीय संस्थानों जैसे एलआईसी, सिडबी, एक्जिम बैंक, जीआईसी, आईएफसीआई, यूटीआई का भी 467 मामलों में 1.18 लाख करोड़ रुपये बाकी है। निजी बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, यस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और इंडसइंड जैसे बैंक शीर्ष पर हैं।