पूरी दुनिया में मंदी की आशंका, अमेरिका और चीन पर ज्यादा असर 

मुंबई- वृद्धि दर को रोक कर महंगाई पर काबू करने की दुनिया भर के देशों की रणनीति अब भारी पड़ती नजर आ रही है, क्योंकि महंगाई तो कम नहीं हो रही है और उल्टे विकास दर भी रुक रही है। इससे मंदी की चिंता बढ़ गई है।  

अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने पिछले हफ्ते ही कहा था कि इस परंपरा से कहीं हम मंदी की ओर तो नहीं जा रहे हैं। मंगलवार को मूडीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कई देश मंदी की ओर चले गए हैं और अगर नहीं गए हैं तो 2023 तक उनके मंदी में जाने की आशंका है।  

मूडीज एनालिटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, आर्थिक माहौल ज्यादा नाजुक है और अमेरिका तथा यूरोप की उच्च महंगाई इसमें ज्यादा योगदान कर रही हैं। ऐसे में आगे जैसे-जैसे विकास दर घटेगी, वैसे- वैसे महंगाई में तेजी देखी जा सकती है। यह आगे चलकर और परेशान कर सकती है। 

रिपोर्ट के अनुसार, मजबूत डॉलर ने दुनिया की सभी मुद्राओं की कीमतों को घटा दिया है। साथ ही जीडीपी में भी गिरावट आ रही है। इसने कहा कि 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 2.7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है जबकि 2023 में यह और घटकर 2.3 फीसदी हो सकती है। इससे भी मंदी की आहट दिखाई दे रही है। 

मूडीज ने कहा कि पूरी दुनिया में महंगाई के साथ बेरोजगारी भी तेजी से बढ़ रही है। इससे आर्थिक वृद्धि में लगातार गिरावट आ रही है, जो आने वाले समय में और बढ़ सकती है। हालांकि कुछ देश ऐसे हैं जहां मंदी तो है, पर उसे दिखने में अभी समय लगेगा। कारोबारी गतिविधियां रुक सी गई हैं और इसके जरिये भी मंदी को रोकने की कोशिश हो रही है। 

मूडीज के मुताबिक, फरवरी में शुरू हुए रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति पर सीधे असर पड़ा। इससे कमोडिटीज की कीमतों पर असर देखा गया। दुनिया के सबसे बड़े आबादी वाले देश चीन में तो रियल एस्टेट का बाजार पूरी तरह से धराशाई हो गया है और यहां पर लोग इसका बहिष्कार कर रहे हैं। दुनिया के प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देश चीन, अमेरिका, ब्रिटेन और जापान के साथ भारत के भी इस मंदी से बचने की उम्मीद नहीं है। 

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