कैट ने कहा, मेट्रो एफडीआई नीतियों का खुलेआम कर रहा है उल्लंघन 

मुंबई- व्यापारियों के प्रमुख संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने जर्मनी की कंपनी कैश एंड कैरी पर भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के उल्लंघन और कानून को दरकिनार करने का आरोप लगाया है। 

कैट ने कैश एंड कैरी की भारतीय इकाई मेट्रो कैश एंड कैरी की देश में व्यापारिक प्रथाओं को लेकर भी गंभीर आपत्ति जताई है। मेट्रो कैश एंड कैरी वर्तमान में देश में मेट्रो होलसेल ब्रांड के तहत 31 स्टोर का संचालन कर रही है। कंपनी ने इस तरह के आरोपों का पूरी तरह से खंडन किया है। 

मेट्रो एजी ने वर्ष 2003 में भारतीय बाजार में प्रवेश किया था। अब कंपनी अपनी भारतीय अनुषंगी कंपनी में कथित तौर पर बहुमत हिस्सेदारी बेचने के लिए एक भागीदार की तलाश कर रही है। 

कैट ने एक बयान में कहा, ‘‘मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मेट्रो जर्मनी भारत के कारोबार को बेचने और यहां अपने निवेश पर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा कमाने की सोच रही है। यह पिछले वर्षों में भारत में भारी मुनाफा कमाने के बाद धन को इधर-उधर करने के अलावा और कुछ नहीं है।’’ 

व्यापारियों के संगठन ने आरोप लगाया कि मेट्रो बी2सी खुदरा व्यापार में शामिल होकर एफडीआई नीति के प्रावधानों का खुले तौर पर उल्लंघन कर रही है और ग्राहकों को उनके व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए सीधे सामान बेच रही है। 

कैट ने कहा, ‘‘हमने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से शिकायत की है, जो मामले की जांच कर रहा है। जांच के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि उल्लंघन बड़े पैमाने पर और स्पष्ट हैं। हमें विश्वास है कि ईडी जल्द ही अपनी जांच पूरी करेगा और मेट्रो इंडिया पर कम से कम 12,000 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाएगा।’’ 

इन आरोपों को खारिज करते हुए मेट्रो एजी के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पिछले 19 वर्षों के संचालन के दौरान हमने नियामकीय अनुपालन के संबंध में साफ-सुथरा रिकॉर्ड कायम किया है और देश में एफडीआई नियमों एवं कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन किया है।’’ 

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