58 सीआरपीएफ जवान अंबानी की सुरक्षा में, 60 सेकेंड में 800 राउंड गोली दागने की मशीनगन 

मुंबई- CRPF के करीब 58 कमांडो मुकेश अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में 24 घंटे तैनात रहते हैं। ऑटोमैटिक हथियारों से लैस ये हथियारबंद जवान अंबानी परिवार जहां भी जाता है, उनके साथ चलते हैं। 

ये जवान हेकलर एंड कोच MP5 सब-मशीन गन समेत कई आधुनिक हथियारों से लैस रहते हैं। हेकलर एंड कोच MP5 सब-मशीन गन जर्मनी में बनी गन है। इससे एक मिनट में 800 राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं। ये कमांडो दो शिफ्ट में काम करते हैं और ये CRPF के एक इंस्पेक्टर लेवल अधिकारी के सुपरविजन में काम करते हैं। इन कमांडों को रहने-खाने समेत अन्य सुविधाएं अंबानी मुहैया कराते हैं।  

अंबानी की सुरक्षा में शामिल हर जवान मार्शल आर्ट और निहत्थे युद्ध कौशल में माहिर होता है। अंबानी की सुरक्षा में तैनात CRPF कमांडो फोर्स में हथियारबंद गार्ड्स, साथ में चलने वाले गार्ड्स, ड्राइवर, पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO), तलाशी लेने वाली टीम शामिल है। 

उनके घर के आसपास का पूरा इलाका हाई-रेजोलूशन CCTV कैमरे से कवर होता है। हथियारबंद सुरक्षाकर्मी गेट पर, बिल्डिंग के अंदर और घर के बाहर खड़ी गाड़ियों में तैनात रहते हैं। अंबानी को मिली Z+ सिक्योरिकी में तैनात सुरक्षाकर्मी जर्मन मेड हेकलर एंड कोच MP5 सब-मशीन गन से लैस रहते हैं, जिससे एक मिनट में 800 राउंड गोलियां दागी जा सकती हैं। 

इजराइली कमांडो और सैनिक निहत्थे ही दुश्मन को मार गिराते हैं। इसके लिए वो दुनिया की सबसे खतरनाक मार्शल आर्ट में से एक- क्राव मगा में ट्रेंड होते हैं। इसी वजह से VVIP सुरक्षा के लिए इजराइली कमांडो सबसे बेहतरीन माने जाते हैं। 

CRPF के अलावा, मुकेश अंबानी के पास करीब 15-20 पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड्स भी हैं, जो बिना हथियारों के, यानी निहत्थे होते हैं। उनके पर्सनल गार्ड्स को इजराइल स्थित सिक्योरिटी-फर्म ने ट्रेनिंग दी है। 

अंबानी और उनके परिवार की सुरक्षा में तैनात ये प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स भी क्राव मगा में ट्रेंड हैं। ये गार्ड्स दो शिफ्ट में काम करते हैं, जिनमें भारतीय सेना और NSG के जवान भी शामिल हैं। मुकेश अंबानी ने हाल ही में अपने काफिले में 2.5 करोड़ रुपए की कीमत वाली मर्सिडीज AMG G63 मॉडल शामिल की है। अंबानी फिलहाल इसी कार से चलते हैं।  

काफिले में करीब 8 गाड़ियां शामिल रहती हैं, जिनमें मर्सिडीज, BMW और रेंज रोवर जैसी महंगी गाड़ियां शामिल हैं। इनमें से आधी गाड़ियों अंबानी की गाड़ी के आगे चलती हैं, जबकि बाकी की गाड़ियां उनकी कार के पीछे चलती हैं। मुकेश अंबानी अपनी बुलेटप्रूफ BMW या मर्सिडीज कार से चलते हैं, जबकि उनके सिक्योरिटी गार्ड्स रेंज रोवर में चलते हैं। उनके काफिले की गाड़ियों की कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। 

इन गाड़ियों में सवार सभी सुरक्षाकर्मी एक-दूसरे से वॉकी-टॉकी के जरिए जुड़े रहते हैं। मुंकेश अंबानी और उनके परिवार को मिली Z+ सिक्योरिटी पर हर महीने 15-20 लाख रुपए का खर्च आता है। ये सारा खर्च अंबानी खुद उठाते हैं। सिक्योरिटी के खर्च के अलावा अंबानी को सुरक्षाकर्मियों के लिए बैरक भी उपलब्ध कराना होता है, जिनमें उनके लिए क्वॉर्टर, किचन और टॉयलेट शामिल हैं। 

उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर स्थित रिफाइनरी की सुरक्षा का जिम्मा भी सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स यानी CISF संभालती है। इसके लिए रिलांयस CISF को हर महीने 34 लाख रुपए का भुगतान करता है। 

मुकेश अंबानी और उनके परिवार को 2013 में Z कैटिगरी की सिक्योरिटी दी गई थी। इसे बाद में Z+ कर दिया गया था। अंबानी को ये सुरक्षा खुफिया एजेंसियों द्वारा उन पर आतंकी हमले के खतरे की आशंका जताने के बाद दी गई थी। 

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