एकनाथ शिंदे के लिए आसान नहीं है शिवसेना पर कब्जा जमाना 

मुंबई- महाराष्ट्र के राजनीतिक नौटंकी की जो कहानी गुवाहाटी में बैठकर लिखी जा रही है उसे सच करना इतना आसान नहीं है, जितना दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहां शिवसेना से बगावत करने वाले एकनाथ शिंदे विधायकों का आंकड़ा पूरा होने का दावा कर रहे हैं। वहीं, बागी विधायकों में कुछ के संजय राउत के संपर्क में होने की बात सामने आई है। 

दरअसल, बागी विधायक चार दिन से गुवाहाटी के होटल रेडिसन ब्लू में हैं। वहां लगातार बैठकें हो रही हैं। इसमें शिवसेना के और विधायक तोड़ने की कवायद पर काम हो रहा है। एकनाथ शिंदे का दावा है कि उनके पास शिवसेना के 38 विधायक हैं। सूत्रों की मानें तो इनमें से 20 विधायक संजय राउत के साथ संपर्क में हैं। 

एकनाथ शिंदे इस बात से भली भांति वाकिफ हैं कि गुवाहाटी में मौजूद कुछ विधायक महाराष्ट्र जाते ही शिवसेना की गोद में जाकर बैठ सकते हैं। ऐसा होने पर यह सारी कवायद औंधे मुंह ठीक ऐसे ही गिरेगी जैसे अजित पवार वाले मामले में हुआ था। इसलिए वह शिवसेना के कुछ और विधायकों का इंतजार कर रहे हैं। 

शिंदे चाहते हैं कि उनके पास शिवसेना के ही 42 विधायक हो जाएं, ताकि पहले से मौजूद कुछ विधायक अगर टूटते हैं तो उनका बहुमत का आंकड़ा कायम रहे। शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर ली है। जिन 16 विधायकों की मान्यता रद्द करने के लिए डिप्टी स्पीकर नरहारी सिताराम जिरवाल ने नोटिस दिया है, उसका कानूनी जवाब क्या दिया जाएगा। इसके खिलाफ सोमवार को शिंदे गुट सुप्रीम कोर्ट में अपील कर रहा है।  

कोशिश सिर्फ यही है कि किसी तरह से इन 16 विधायकों की सदस्यता बरकरार रहे और शिंदे शिवसेना के लीडर बन सकें। मामला पेचीदा इसलिए भी है कि गुवाहाटी में बैठे हुए​​​​ शिंदे बेशक कहते रहें कि उनके पास बहुमत के लिए विधायकों का आंकड़ा पूरा है, लेकिन आखिरकार इन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट तो देना ही होगा।  

पेच इसी मामले में है कि जैसे ही महाराष्ट्र जाएंगे, इनमें से कुछ विधायक तितर-बितर हो जाएंगे। अगर शिंदे गुट राज्यपाल के सामने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी बहुमत साबित होने का सबूत देता है तो उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने उसे कोर्ट में चैलेज करने की तैयारी कर रखी है। 

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