एशिया में घाटा देने वाली कंपनियों में एलआईसी दूसरे नंबर पर, मार्केट कैप 1.78 लाख करोड़ घटा
मुंबई। इस महीने में निवेशकों को शेयर बाजार से अब तक 11.83 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। एक जून को बाजार पूंजीकरण 257.02 लाख करोड़ था जो सोमवार को कम होकर 245.19 लाख करोड़ रुपये हो गया। देश का सबसे बड़ा आईपीओ लाने वाली भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) इस साल एशिया में सूचीबद्ध हुए शेयरों में घाटा देने के मामले में दूसरे नंबर पर रही है। इसके शेयर ने 29 फीसदी का नुकसान दिया, जबकि दक्षिण कोरिया की एलजी एनर्जी के शेयर में 30 फीसदी की गिरावट आई है।
एलआईसी का आईपीओ 949 रुपये पर आया था और शेयर 17 मई को लिस्ट हुआ था, जो सोमवार को 668 रुपये पर बंद हुआ। इश्यू के भाव पर इसका बाजार पूंजीकरण 6 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था, लेकिन अब यह 4.22 लाख करोड़ रुपये रह गया है। यानी 1.78 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है। पिछले 10 दिन से लगातार इसके शेयरों की पिटाई हो रही है। शेयरों में सोमवार को इसलिए गिरावट आई क्योंकि एंकर निवेशकों का एक महीने का लॉक इन अवधि खत्म हो गया है। इसकी तुलना में जनवरी से लेकर अब तक सेंसेक्स केवल 9 फीसदी टूटा है।
पेटीएम के शेयर ने भी निवेशकों को जमकर घाटा दिया है। नवंबर में इसका आईपीओ 2,150 रुपये पर आया था और बाजार पूंजीकरण 1.39 लाख करोड़ रुपये था। सोमवार को शेयर 583 रुपये पर बंद हुआ, जो करीबन 72 फीसदी टूटा है। मार्केट कैप 37,828 करोड़ रुपये है। लिस्टिंग पर ही यह शेयर 27 फीसदी टूट गया था और तब से लगातार गिर रहा है।
जोमैटो भी घाटा देने में अव्वल रहा है। नवंबर में 169 रुपये पर कारोबार कर रहा इसका भी शेयर इश्यू भाव से नीचे अब 67 रुपये पर पहुं्च गया है। यानी 60 फीसदी का नुकसान निवेशकों को दिया है। इसी दौरान बाजार पूंजीकरण 1.39 लाख करोड़ रुपये से घटकर 53,068 करोड़ रुपये पर आ गया है।
नायका का शेयर नवंबर में 2,574 रुपये पर था जो अब 40 फीसदी गिरकर 1,458 रुपये पर आ गया है। उस समय बाजार पूंजीकरण 1.19 लाख करोड़ रुपये था, जो अब घटकर 69,153 करोड़ रुपये रह गया है। यानी करीबन 49 हजार करोड़ रुपये की कमी इसमें आई है। हालांकि यह शेयर अभी भी आईपीओ से ज्यादा भाव पर कारोबार कर रहा है।