देश में हर दिन 40,000-45,000 मेगावट बढ़ी बिजली की मांग
मुंबई- देश में हर दिन 40,000-45,000 मेगावाट बिजली की मांग बढ़ी है। ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तरी भारत में लगातार बढ़ती गर्मी, अर्थव्यवस्था के विस्तार और लाखों घरों में बिजली का कनेक्शन पहुंचा है।
ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि बिजली उत्पादन क्षमता में जोरदार सुधार, देश को एक ट्रांसमिशन ग्रिड में एकीकरण और मोदी सरकार के 8 साल के दौरान बिजली वितरण प्रणाली के मजबूत होने की वजह से आज 23 से 23.5 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है।
देश में 9 जून को बिजली की मांग अपने सार्वकालिक स्तर 2,10,792 मेगावाट पर पहुंच गई थी। इस दौरान 4,712 मिलियन यूनिट की खपत हुई थी। ऊर्जा संयंत्र इन मांगों को पूरी करने के लिए अपनी 100 फीसदी क्षमता पर काम कर रहे हैं। सरकार ने कोयला की कमी को पूरा करने के लिए इसे आयात की भी मंजूरी दी गई है।
आरके सिंह ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र का पूरी तरह से हाल बदल गया है। 2014 से पहले हमारे पास ऊर्जा की कमी से बिजली कटौती सामान्य बात थी। एक गैर सरकारी संगठन के सर्वे के आधार पर उन्होंने कहा कि, पहले गांवों में ऊर्जा की उपलब्धता 12.5 घंटे थी और अब राष्ट्रीय स्तर पर यह 22.5 घंटे है। 8 साल में 1.69 लाख मेगावाट क्षमता को बढ़ाया गया। इससे अब 400 गीगावाट बिजली पैदा हो रही है।
उन्होंने कहा कि पहले भारत बिजली की कमी वाला देश होता था। अब इसके पास ज्यादा बिजली है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा एकल फ्रीक्वेंसी ग्रिड है। पहले हम देश के एक कोने से दूसरे कोने में केवल 37 हजार मेगावाट बिजली भेज पाते थे। अब हम 1.20 लाख मेगावाट बिजली भेजने की स्थिति में हैं। इससे बिजली की उपलब्धता बढ़ी है। साथ ही उन गांवों में भी बिजली पहुंच चुकी है, जो 70 साल से अंधेरे में थे।