भीषण तूफान और बाढ़ से बढ़ी बीमा कंपनियों की मुश्किलें, देना होगा ज्यादा दावा
मुंबई- अमेरिका के फ्लोरिडा, कैलिफोर्निया समेत अन्य राज्यों में लोगों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ तो भीषण तूफान आने का दौर 1 जून से शुरू हो चुका है। दूसरी तरफ, इससे होने वाली तबाही को इंश्योरेंस कवर देने के लिए बीमा कंपनियां तैयार नहीं हो रही हैं।
दरअसल, तूफान के बाद हुई तबाही के बीमा दावों के भुगतान में कंपनियों का खासा घाटा हो रहा है। घाटे की वजह बीमा कराने और उसके बाद क्लेम लेने में फर्जीवाड़ा होना भी बड़ी वजह है। इस कारण हाउसिंग समेत अन्य प्रॉपर्टी का इंश्योरेंस कवर देने में कंपनियां रुचि नहीं दिखा रही हैं। कुछ कंपनियां सामने भी आई, पर उन्होंने प्रीमियम 25% तक बढ़ा दिया है, लेकिन कंपनियां सीमित हैं। इस कारण लोग इंश्योरेंस कंपनियों की तलाश कर रहे हैं।
अमेरिका में संवेदनशील स्थानों में रहने की दोगुनी कीमत चुकानी पड़ती है। लोगों को उनकी संपत्ति के लिए बीमा कवर की कमी दूर करने के लिए 15,400 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है। ताकि कंपनियों को घाटे में राहत मिल सके। विशेषज्ञों का कहना है कि तूफान, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए जरूरी है कि जोखिम भरे इलाकों से लोगों को हटा दिया जाए। दूसरा उपाय मकानों और इमारतों को मजबूत बनाया जाए जो इन तूफानों और बाढ़ का मुकाबला कर सकें।
घरों को अपग्रेड करने और उन्हें तूफान का मुकाबला करने लायक बनाने के लिए मकान मालिकों को नकद 10 हजार डॉलर(करीब 7.7 लाख रुपए) तक मुआवजा दिया जाए। इसके साथ ही हवा का दबाव सह पाने वाले स्ट्रक्चर बनाने होंगे। ऐसा करने पर ही राहत मिलेगी।