अब कम ब्याज का दौर कम, जानिए कितनी बढ़ेगी आपकी किस्त
मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि केंद्रीय बैंक अगली कुछ बैठकों में ब्याज रेट्स को और बढ़ाना चाहता है। प्रमुख रेट्स पर यथास्थिति बनाए रखने के 2 साल बाद, आरबीआई ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए रेपो रेट्स को 40 बीपीएस से बढ़ाकर 4.4% करने का फैसला किया और इसके लिए इसने जून में निर्धारित अगली मोनेटरी पॉलिसी का इंतजार भी नहीं किया। इसका मतलब यह हुआ कि जो कर्जदार अपने कम से कम रेट्स ब्याज रेट्स का आनंद ले रहे हैं, अब उन्हें ज्यादा रेट्स देना होगा।
रिकॉर्ड महंगाई एक वैश्विक चिंता बन गई है और कई देशों के अधिकांश केंद्रीय बैंकों ने वित्तीय व्यवस्था से ज्यादा पैसों को नियंत्रित करने और महंगाई को कम करने के लिए दरों में वृद्धि शुरू कर दी है। जब कोविड 19 महामारी ने दस्तक दी थी तो आरबीआई ने मार्च 2020 में रेपो दर में 0.75% और मई 2020 में 0.4% की कमी की थी और इससे 3 महीने की अवधि के भीतर 1.15% की कमी हो गई थी।
अब आगे अगर इसी अनुपात से ब्याज दर में बढ़ोतरी कर आरबीआई अगर रिवर्स फैसला लेता है तो इसनें कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। बढ़ती हुई ब्याज दर का सिलसिला तब तक जारी रह सकता है जब तक आरबीआई और प्रमुख केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने के लिए अपनी पॉलिसी रेट्स में वृद्धि जारी नहीं रखते।
अगर ब्याज दर महामारी से पहले के स्तर तक पहुंच जाती है और 1.25% बढ़ जाती है, तो आपकी महीने की किस्त लगभग 10% बढ़ जाएगी। उदाहरण के लिए 6.75% पर लिए गए 20 साल के लिए 30 लाख के होम लोन के लिए किस्त जो 22,811 रुपये थी अब वह बढ़कर 25,093 रुपये हो जाएगी। किस्त को शुद्ध वेतन का 40% मानते हुए दरों में वृद्धि आपके कुल वार्षिक वेतन का अतिरिक्त 4% बढ़ जाएगी।
लंबी अवधि के विशेष रूप से फ्लोटिंग रेट पर होम लोन लेने वालों को आने वाले महीनों में ब्याज रेट्स में भारी बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना होगा। एक-एक कर कई बैंक, एनबीएफसी और एचएफसी ने पिछले दो महीनों में पहले ही होम लोन के इंटरेट्स रेट्स बढ़ाए हैं। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 1 जून, 2022 से EBR और RLLR होम लोन पर ब्याज दर में 0.4% की वृद्धि की है।
एचडीएफसी ने फ्लोटिंग रेट इंटरेस्ट रेट में भी 0.35% की बढ़ोतरी की है। आने वाले दिनों में और ज्यादा से ज्यादा बैंक अपने लेंडिंग रेट्स में वृद्धि करने वाले हैं। हालिया रेट्स में वृद्धि महज एक शुरुआत हो सकती है क्योंकि आने वाले कुछ महीनों के भीतर कई बैंक रेट्स में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी करने वाले हैं और ऐसा तब तक हो सकता है जब तक खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई द्वारा निश्चित 2 से 6% के दायरे में नहीं आ जाती है।
अधिकांश होम लोन देने वाले बैंकों ने रेपो दर को अपनी बेंचमार्क लेंडिंग रेट के रूप में चुना है और इसलिए इसमें कोई भी बदलाव तुरंत ही नए और पुराने होम लोन लेने वालों को पास कर दिया जाएगा। चौधरी कहते हैं कि बाहरी बेंचमार्क से जुड़े मौजूदा फ्लोटिंग रेट होम लोन उनके रेट रीसेट शेड्यूल के अनुसार रेट्स में बढ़ोतरी देखेंगे। उधार लेने वाले अपनी मौजूदा होम लोन रेट्स पर अगली रीसेट तिथि तक चुकाना जारी रखेंगे। उनकी अगली रीसेट रेट पर लागू ब्याज दरें तब निम्न दर रीसेट तिथि तक लागू होंगी। बैंकों को अपने ईबीआर को 3 महीने के भीतर कम से कम एक बार बदलना अनिवार्य है, जबकि उनमें से अधिकांश जल्दी से दरें बढ़ाने में तनिक भी देरी नहीं करने वाले हैं।
एक तरफ, ईबीआर होम लोन ईएमआई तेजी से बढ़ेगी तो दूसरी ओर एमसीएलआर, बेस रेट और बीपीएलआर जैसी अन्य व्यवस्थाओं की होम लोन ब्याज दरें भी बढ़ेंगी। एमसीएलआर के लिए, यह पूरी तरह से बैंक के जमा पर है कि वह रेट्स में वृद्धि या कटौती करे, क्योंकि यह बैंक के इंटर्नल बॉडी द्वारा शासित होता है और यह अगली रीसेट तिथि से प्रभावी होता है।
हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां (एचएफसी) और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) द्वारा पेश किए गए नए होम लोन के लिए रेट्स में वृद्धि का प्रसारण थोड़ा धीमा हो सकता है। एचएफसी और एनबीएफसी अपने होम लोन रेट्स मैनेजमेंट में अधिक विवेक का प्रयोग कर सकते हैं। हालांकि एनबीएफसी के लिए ईबीआर जैसी कोई बाध्यता नहीं है कि वे अपनी ब्याज दर को तुरंत बदल दें, जबकि उन्हें अपनी ब्याज दरें बढ़ाने में ज्यादा समय नहीं लगता है क्योंकि रेपो दर में बढ़ोतरी के बाद उनकी फंड की लागत बढ़ जाती है।
ऐसे बढ़ती जाएगी आपकी किस्त
लोन रकम | पुरानी ब्याज दर | पुरानी किस्त | नई दरों के बाद किस्त | नई दरों के बाद किस्त | नई दरों के बाद किस्त | नई दरों के बाद किस्त |
0.30 फीसदी | 0.75 फीसदी | 1 फीसदी | 1.25 फीसदी | |||
30 लाख | 6.75 फीसदी | 22,811 | 23,530 | 24,168 | 34,629 | 25,093 |
50 लाख | 7 | 38,765 | 39,760 | 41,047 | 41,822 | 42,603 |
75 लाख | 7.10 | 58,598 | 59,962 | 62,035 | 63,201 | 64,376 |
1 करोड़ | 7.15 | 78,433 | 80,254 | 83,023 | 84,580 | 86,150 |