अंबानी और अडाणी में लड़ाई जारी, जानिए कैसे किस कारोबार में है मुकाबला
मुंबई- दुनिया के शीर्ष अरबपतियों में शामिल भारत के दो दिग्गज उद्योगपतियों, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के बीच लंबे समय से रेस जारी है।
कोरोना महामारी काल की शुरुआत से पहले नजर दौड़ाएं तो मुकेश अंबानी पर ही सबकी निगाहें टिकी हुईं थी, वे लगातार टॉप-10 अरबपतियों की सूची में अपनी उपस्थिति दर्ज कराए हुए थे। दौलत की इस रेस में 65 साल के अंबानी को तमाम दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए नए आयाम छू रहे थे, लेकिन फिलहाल की बात करें तो अडानी ने इस साल की शुरुआत से कमाई करने की जो रफ्तार पकड़ी उसके आगे दुनिया के सबसे अमीर शख्स भी पीछे छूट गए। बीते दिनों आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में कमाई करने के मामले में अदाणी सबसे आगे रहे हैं।
59 वर्षीय गौतम अडानी दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति बनने के साथ ही इस साल कमाई के मामले में भी अव्वल रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने 2022 की शुरुआत के बाद से अब तक अपनी संपत्ति में 30 अरब डॉलर का इजाफा किया है। इस तरह किसी भी अन्य उद्योगपति के मुकाबले उनकी संपत्ति में ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।
बिलेनियर इंडेक्स के ताजा आंकड़ों के अनुसार, खबर लिखे जाने तक उनकी कुल नेटवर्थ 104 अरब डॉलर है। हालांकि, दुनिया के सबसे अमीर शख्स के मुकाबले उनकी संपत्ति करीब 100 अरब डॉलर कम है। बता दें कि टेस्ला और स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के मालिक मस्क की नेटवर्थ 204.5 अरब डॉलर है।
गौतम अदाणी लगातार अपने कारोबार का विस्तार करते जा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने सीमेंट कारोबार में दूसरे पायदान पर अपनी जगह बनाई है। बता दें कि अदाणी ने 10.5 अरब डॉलर में होल्सिम लिमिटेड के भारतीय कारोबार के अधिग्रहण को लेकर एक बड़ा सौदा किया है। गौरतलब है कि होल्सिम लिमिटेड भारत में एसीसी और अंबुजा ब्रांड नाम से सीमेंट बेचती है।
होल्सिम के भारतीय कारोबार का अधिग्रहण करने के बाद अदाणी समूह की सीमेंट कंपनी देश की दूसरी सबसे बड़ी सीमेंट कंपनी बन जाएगी। इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया कि अदाणी ने पिछले एक साल में 17 अरब डॉलर में 32 अधिग्रहण किए हैं। इसके बाद भी उनकी रफ्तार धीमी होती नजर नहीं आ रही है, जबकि उनकी सभी लिस्टेड कंपनियों का कुल कर्ज करीब 20 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
अदाणी के नेतृत्व वाली समूह की सात कंपनियां शेयर बाजार में लिस्टेड हैं। इनमें से फिलहाल, छह कंपनियां ऐसी हैं जिनका मार्केट कैप (बाजार पूंजीकरण) एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों के बारे में बात करें तो अदाणी इंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स, अदाणी पॉवर, अदाणी टोटल गैस, अदाणी ग्रीन एनर्जी, अदाणी ट्रांसमिशन और अदाणी विल्मर हैं। मुकेश अंबानी की तो उनकी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज बीते दिनों ही 19 लाख करोड़ बाजार मूल्य वाली देश की पहली कंपनी बनकर उभरी थी।
कारोबार की बात करें तो दुनियाभर में अंबानी और अदाणी के कारोबार का डंका बज रहा है। वर्तमान में दोनों उद्योगपतियों का पूरा फोकस रिन्यूबल एनर्जी पर दांव लगा रहे हैं। इस वजह से आने वाले समय में दोनों को इस चीज के लिए मार्केट से रिवॉर्ड मिल सकता है। हालांकि, रिपोर्ट की मानें तो इस क्षेत्र में निवेशक गौतम अदाणी को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।
बता दें कि अदाणी के कारोबार की दस्तक बंदरगाहों से लेकर घर की रसोई तक में है। वहीं मुकेश अंबानी टेलीकॉम सेक्टर से लेकर रिटेल सेक्टर तक अपना दबदबा कायम रखे हुए हैं। फिलहाल अदाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में एक-दो को छोड़कर तेजी देखने को मिल रही है।
मुकेश अंबानी की आगे की बड़ी योजनाओं का जिक्र करें तो इसके तहत रिलायंस इस महीने के अंत तक एक बड़ी डील करने की तैयारी में है। दरअसल, रिलायंस ब्रिटेन की मेडिकल रिटेल चेन ‘बूट्स यूके’ के लिए बोली लगाने की तैयारी कर रही है। यह डील 10 अरब डॉलर की हो सकती है और इसके लिए अंबानी ने अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट इंक के साथ साझेदारी की है। रिपोर्ट में कहा गया कि अगर यह सौदा पूरा होता है तो फिर मुकेश अंबानी की देश से बाहर यह सबसे बड़ी डील होगी। फिलहाल, अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों को देखें तो वे हरे निशान पर कारोबार कर रहे हैं।