जीएसटी काउंसिल की सिफारिशें मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं
मुंबई- उच्चतम अदालत ने गुरुवार को GST पर एक अहम फैसला देते हुए कहा कि GST काउंसिल की सिफारिशें मानना केंद्र और राज्यों के लिए जरूरी नहीं हैं। यानी GST काउंसिल जो भी सिफारिशें देता हैं, उन्हें लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार बाध्य नहीं होंगे। बल्कि ये सिफारिशें सलाह या परामर्श के तौर पर देखी जानी चाहिए।
शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि संसद और राज्य विधानसभाओं के पास GST पर कानून बनाने का समान अधिकार है। GST काउंसिल इस पर उन्हें उपयुक्त सलाह देने के लिए है। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार और राज्यों के पास GST पर कानून बनाने का एक बराबर अधिकार है। इसलिए GST काउंसिल को केंद्र और राज्यों के बीच व्यावहारिक समाधान प्राप्त करने के लिए सामंजस्यपूर्ण तरीके से काम करना चाहिए।
गुजरात हाईकोर्ट ने 2020 में रिवर्स चार्ज के तहत समुद्री माल आयात करने वालों पर IGST लगाने के फैसले को रद्द कर दिया था। सरकार ने 5% IGST लगाने का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसे गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। उच्चतम अदालत ने भी अब गुजरात उच्च अदालत के आदेश को बरकरार रखा है।
GST काउंसिल एक मुख्य फैसला लेने वाली एक संस्था है जो की GST कानून के तहत होने वाले कामों के संबंध में सभी जरूरी फैसले लेती है। GST काउंसिल की जिम्मेदारी पूरे देश में वस्तुओं और सेवाओं के लिए एक ही कर निर्धारित करना है।