आईसीएआर ने कहा, उद्योगों के लिए बंद हो खाने का तेल, आयात में आएगी कमी
इंदौर। इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (आईसीएआर) ने कहा कि उद्योगों को खाने के तेल की आपूर्ति बंद होनी चाहिए। उद्योगों को आपूर्ति होने वाले खाने के तेल में से 23 फीसदी उपयोग पेंट उद्योग करता है।
आईसीएआर के सहायक महानिदेशक संजीव गुप्ता ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत इस समय खाने के तेल की जरूरत का 60 फीसदी हिस्सा आयात करता है। इस पर वह 1.17 लाख करोड़ रुपये खर्च करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईसीएआर से कहा है कि वह इस मामले में एक एक्शन प्लान तैयार करे और उन्हें दे, जिसमें आयात को कम करने में मदद मिले।
गुप्ता ने कहा कि देशमें पहले से ही खाने के तेल की कीमतें काफी ऊंची हैं और रूस-यूक्रेन के संघर्ष ने इसे और ज्यादा मुश्किल बना दिया है। उन्होंने कहा कि भारत सूर्यमुखी के 85 फीसदी तेल का रूस-यूक्रेन से आयात करता है, जिसे हम कम करने की कोशिश कर रहे हैं। हम देश में इसका उत्पादन बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सोयाबीन के तेल के उत्पादन में देश में सबसे आगे है।