यात्रियों के साथ व्यवहार करने के मामले में इंडिगो सबसे खराब
मुंबई- इंडिगो एयरलाइन के कर्मचारियों की तरफ से पिछले हफ्ते एक दिव्यांग बच्चे को रांची हवाईअड्डे पर विमान में चढ़ने से रोकने के मामले में डीजीसीए का बयान आया है। विमानन नियामक ने कहा है कि प्रथम दृष्टया इंडिगो को नियमों के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। एयरलाइन को मामले में कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।
डीजीसीए के मुताबिक, ‘‘समिति की जांच के निष्कर्ष के अनुसार, इंडिगो के कर्मचारी यात्रियों के साथ सही तरीके से पेश नहीं आए और इस तरह उन्होंने लागू नियमों के अनुरूप काम नहीं किया।’’ डीजीसीए ने कहा कि इसके मद्देनजर उसके अधिकृत प्रतिनिधि के जरिए विमानन कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया गया है, जिसमें उसे बताना होगा कि नियमों के अनुरूप काम नहीं करने पर उसके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि इंडिगो ने बच्चे को विमान में सफर की अनुमति न देने को लेकर कहा था कि वह यात्रा करने से घबरा रहा था। इस घटना की जांच डीजीसीए ने की। केंद्रीय नागर उड्डयन एवं विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस पर ट्वीट भी किया और कहा कि पूरी जांच उनकी निगरानी में ही होगी। सिंधिया के सख्त तेवर के बाद एयरलाइन ने इस मामले में माफी मांगी थी।
सिंधिया ने सोमवार सुबह कहा, “इस तरह के बर्ताव हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। किसी भी व्यक्ति को इस तरह के हालात से नहीं गुजरना चाहिए। मैं इस मामले की जांच खुद कर रहा हूं, जिसके बाद जरूरी कार्रवाई की जाएगी।”
इसके बाद इंडिगो के सीईओ ने एक बयान जारी कर कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण अनुभव के लिए हम प्रभावित परिवार के प्रति गंभीर खेद व्यक्त करते हैं। घटना के बारे में पूछे जाने पर इंडिगो ने कहा कि विकलांग बच्चा सात मई को अपने परिवार के साथ उड़ान में नहीं जा सका क्योंकि वह घबरा रहा था। ग्राउंड स्टाफ ने आखिरी मिनट तक उनके शांत होने का इंतजार किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। इसके बाद एयरलाइन ने उन्हें होटल में ठहरने की सुविधा देकर परिवार को आराम दिया और उन्होंने अगली सुबह अपने गंतव्य के लिए उड़ान भरी।