सीबीआई ने मुंबई, पुणे में मारा छापा, डीबी रियल्टी शिकंजे में  

मुंबई- केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई यह बैंक धोखाधड़ी मामले में शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई की है। एजेंसी ने मुंबई और पुणे में इस मामले से संबंद्ध संदिग्ध लोगों के आठ ठिकानों और कार्यालयों पर छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान यहां से कई दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। गौरतलब है कि हाल ही में सीबीआई ने इस मामले से जुड़े बिल्डर संजय छाबड़िया को भी गिरफ्तार किया था। 

जानकारी के मुताबिक, सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने ये कार्रवाई की है। जहां एक ओर पुणे में बिल्डर विनोद गोयनका के ठिकानों पर छापा मारा गया है, तो दूसरी ओर मुंबई में केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों ने शाहिद बलवा और अविनाश भोसले के आवास और कार्यालयों पर तलाशी अभियान चलाया है। सीबीआई ने छाबड़िया की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में अपनी कार्रवाई तेज कर दी है।  

यहां बता दें कि देश की प्रमुख रियल एस्टेट कंपनियों में शुमार डीबी रिएल्टी के मैनेजिंग डॉयरेक्टर (एमडी) शाहिद उस्मान बलवा हैं, जबकि विनोद गोयनका इस कंपनी में चेयरमैन हैं। बलवा पर इससे पहले भी कई तरह के आरोप लगाए जा चुके हैं, जबकि स्पेट्रम घोटाले में उसकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है। अब यस बैंक धोखाधड़ी के मामले में भी शाहिद बलवा और विनोद गोयनका सीबीआई के निशाने पर आ गए हैं।

गौरतलब है कि सीबीआई ने बीते गुरुवार को यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में मुंबई के रियल्टी उद्यमी संजय छाबड़िया को गिरफ्तार किया। रेडियस डेवलपर्स के छाबड़िया को शुक्रवार को विशेष अदालत में पेश किया गया। सीबीआई ने 2020 में डीएचएफएल ने कपूर और कपिल वधावन के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया था।  

सीबीआई की प्राथमिकी के अनुसार, घोटाला अप्रैल और जून 2018 के बीच शुरू हुआ, जब यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया। बदले में वधावन ने कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को डीओआईटी (DoIT) अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड को ऋण के रूप में 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया।  

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