मारुति को मार्च तिमाही में 1,839 करोड़ का फायदा हुआ
मुंबई- मारुति सुजुकी इंडिया को मार्च तिमाही में 1,839 करोड़ रुपये का शुद्ध फायदा हुआ है। एक साल पहले इसी समय की तुलना में यह 58% की बढ़ोतरी दर्ज की है। पिछले साल की इसी अवधि में यह 1,166 करोड़ था। भारत की सबसे बड़ी कार बनाने वाली कंपनी के फायदे में बढ़ोतरी की वजह वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी और विज्ञापनों के खर्च में कटौती है।
मारुति ने अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के दौरान इसने 83798.1 करोड़ की की बिक्री दर्ज की। एक साल पहले 66562.10 करोड़ रुपए रही थी। शुद्ध बिक्री में 26% की बढ़ोतरी के बावजूद, इस अवधि के लिए शुद्ध फायदा FY21 की तुलना में 11% घटकर 3766.30 करोड़ रुपए हो गया। हालांकि वित्तवर्ष 2022 में कम लाभ के बाद भी कंपनी ने 60 रुपए प्रति शेयर के फाइनल डिविडेंड का ऐलान किया है।
कंपनी ने तिमाही के दौरान कुल 488,830 वाहन बेचे, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 0.7% कम है। तिमाही में, घरेलू बाजार में बिक्री 420,376 यूनिट रही। चौथी तिमाही की तुलना में ये 8% की गिरावट है। बाहरी देशो में 68,454 यूनिट कंपनी ने बेची जो किसी भी तिमाही में अब तक की सबसे ज्यादा बिक्री है। तिमाही के दौरान, कंपनी ने 25,514 करोड़ रुपए की शुद्ध बिक्री की, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 11.1% ज्यादा है।
मारुति ने जनवरी 2021 से अप्रैल 2022 के बीच कीमतों में पांच बार बढ़ोतरी की। भारत में हर दूसरी कार भी मारूती ही बेचती है। कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा, “इस साल स्टील, एल्युमीनियम और प्रीशियस मेटल्स जैसी कमोडिटीज की कीमतों में काफी ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। कंपनी को इस प्रभाव को आंशिक रूप से ऑफसेट करने के लिए वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर होना पड़ा।”
इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट की कमी के कारण साल में करीब 270,000 वाहनों का प्रोडक्शन कम हुआ। इस वजह से साल के अंत में लगभग 268,000 वाहनों की बुकिंग लंबित थी। मारुति की घरेलू बाजार में सेल्स 1,414,277 यूनिट रही, जो वित्तवर्ष 2021 की तुलना में 3.9% ज्यादा है। वहीं कंपनी ने वित्त वर्ष 2020 में वित्तवर्ष 2021 के 96,139 यूनिट की तुलना में 238,376 यूनिट का अब तक का सबसे अधिक एक्सपोर्ट दर्ज किया।