कोविड से उबरने में भारत की अर्थव्यवस्था को लगेंगे 12 साल 

मुंबई- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से हुए नुकसान से उबरने में हमारी अर्थव्यवस्था को 12 साल तक लग सकते हैं। RBI ने शुक्रवार को ‘करंसी एंड फाइनेंस 2021-22’ रिपोर्ट जारी की है।  

रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि पिछले 3 सालों में भारत को 50 लाख करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है। 2020-21 में 19.1 लाख करोड़, 2021-22 में 17.1 लाख करोड़ और 2022-23 में 16.4 लाख करोड़। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि डिजिटाइजेशन को बढ़ावा और ई-कॉमर्स, स्टार्ट-अप, रिन्यूएबल और सप्लाई चेन लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में नए निवेश के बढ़ते अवसर ग्रोथ में अपना योगदान दे सकते हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार COVID-19 महामारी की बार-बार आ रही लहरों के कारण इकोनॉमिक रिकवरी प्रभावित हो रही। जनवरी 2022 में तीसरी लहर के कारण रिकवरी प्रोसेस आंशिक रूप से प्रभावित हुई। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, खासकर जब हम चीन, दक्षिण कोरिया और यूरोप के कई हिस्सों में संक्रमण की ताजा लहर को ध्यान में रखते हैं। 

रिसर्च टीम ने रूस-यूक्रेन जंग से पैदा हुए हालातों पर भी चिंता जताई है। इसमें कहा गया है कि सप्लाई की दिक्कत और डिलीवरी टाइम में बढ़ोतरी ने शिपिंग कॉस्ट और कमोडिटी प्राइसेस को बढ़ा दिया है। इससे महंगाई बढ़ गई है पूरी दुनिया में इकोनॉमिक रिकवरी को प्रभावित कर रही है। भारत भी ग्लोबल सप्लाई चेन की दिक्कतों से जूझ रहा है।  

वर्ल्ड इकोनॉमी 2023 में इकोनॉमी 3.6% से बढ़त हो सकती है, जो कि पहले के अनुमान से 20 बेसिस पॉइंट कम है। IMF के चीफ इकोनॉमिस्ट पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहा था, ‘रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के कारण ग्लोबल इकोनॉमिक प्रॉस्पेक्ट बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। युद्ध ने सप्लाई चेन से जुड़ी समस्याओं को और ज्यादा बढ़ा दिया है।  

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