बीपीसीएल के निजीकरण पर नए सिरे से विचार कर सकती है सरकार
मुंबई। सरकार भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) के निजीकरण पर नए सिरे से विचार कर सकती है। इसमें बिक्री के नियमों में सुधार भी संभव है। एक अधिकारी ने कहा कि भू-राजनीतिक, कंसोर्टियम को बनाने जैसे कई मुद्देहैं, जिन पर काम करना है। सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी 52.98 फीसदीहिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। इसके लिए वेदांता के अनिल अग्रवालसमेत तीन कंपनियों ने दिलचस्पी दिखाई थी। हालांकि वित्तीय निविदा को अभी भी जारी करना बाकी है।
सरकारी अधिकारी ने कहा कि ग्रीन और रिन्यूएबल ईंधन की वजह से अभी के नियमों के आधार पर बीपीसीएल का निजीकरण करना मुश्किल हो गया है। संभावित खरीदार के लिए पूरी हिस्सेदारी को देने के बारे में अभी की स्थितियों के आधार पर फिर से विचार करने की जरूरत है।
अभी के शेयर के भाव के आधार पर 52.98 फीसदी हिस्सेदारी का बीपीसीएल का मूल्यांकन करीबन 45 हजार करोड़ रुपये है। सरकार ने मार्च, 2020 मेंएक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट मंगाया था। नवंबर, 2020 तक वेदांता, अपोलो और एकअन्य कंपनी ने दिलचस्पी दिखाई थी।