IDBI बैंक के एमडी की सैलरी 10 गुना बढ़ सकती है, 2.4 करोड़ रुपये मिल सकते हैं
मुंबई- निजी सेक्टर के बैंक आईडीबीआई बैंक ने अपने मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और सीईओ राकेश शर्मा की सैलरी को दस गुना बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। बैंक ने इस फैसले के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है। कहा जा रहा है कि राकेश शर्मा ने बैंक को आरबीआई के रेस्ट्रिक्टिव प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क से बाहर निकालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बैंक ने शेयरधारकों से 5 मई 2022 तक पोस्टल बैलट के जरिए मंजूरी देने का अनुरोध किया है। यह प्रक्रिया 6 अप्रैल से चल रही है, जिसके नतीजों का ऐलान 7 मई 2022 को किया जाएगा। राकेश शर्मा का मौजूदा वेतन 2.64 लाख रुपये महीने है,जिसे बैंक बढ़ाकर 20 लाख रुपये महीना करना चाहता है। आई़डीबीआई बैंक का दर्जा वैसे तो प्राइवेट सेक्टर बैंक का है, लेकिन इसकी 49.24 फीसदी हिस्सेदारी सरकारी कंपनी एलआईसी के पास और 45.48 फीसदी शेयर सीधे सरकार के पास हैं। यानी इस बैंक के 94.71 फीसदी शेयर किसी न किसी रूप में सरकारी नियंत्रण में ही हैं।
बैंक ने राकेश शर्मा को दोबारा एमडी और सीईओ बनाने के लिए भी सदस्यों से इजाजत मांगी है। शर्मा का दूसरा कार्यकाल 19 मार्च 2022 से चल रहा है। रिजर्व बैंक ने फरवरी 2022 के मध्य में शर्मा की दोबारा नियुक्ति के लिए आईडीबीआई बैंक को मंजूरी दे दी थी। आरबीआई की मंजूरी के बाद बैंक ने 24 फरवरी की एक बैठक में शर्मा को 19 मार्च से अगले कार्यकाल तक के लिए अप्रूव कर दिया था, लेकिन अभी इसे बैंक के सदस्यों की मंजूरी मिलनी बाकी है।
राकेश शर्मा के पास बैंकिंग में 40 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने अपने कैरियर की शुरुआत एसबीआई से की थी। एसबीआई के चीफ जनरल मैनेजर के पद से वह लक्ष्मी विलास बैंक के एमडी और सीईओ बने. लक्ष्मी विलास बैंक में वह 7 मार्च 2014 से 9 सितंबर 2015 तक रहे। इसके बाद वह केनरा बैंक में 11 सितंबर 2015 से 31 जुलाई 2018 तक एमडी और सीईओ के तौर पर कार्यरत रहे। केनरा बैंक में उन्होंने ग्रुप कंपनियों के चेयरमैन का भी पद संभाला। केनरा बैंक के बाद वह 10 अक्टूबर 2018 से आईडीबीआई बैंक में एमडी और सीईओ के पद पर हैं। आरबीआई ने मई 2017 में बैंक को पीसीए फ्रेमवर्क के तहत रखा था जिससे बैंक मार्च 2021 में बाहर आ गया।