17 महीने के शीर्ष पर पहुंची महंगाई की दर, सब्जी और खाने में ज्यादा महंगाई
मुंबई- आम आदमी को मार्च में महंगाई के मोर्चे पर झटका लगा है। खाने-पीने के सामान से लेकर कपड़े और जूते तक महंगे होने से महंगाई 17 महीने के शीर्ष पर पहुंच गई हैं। मंगलवार को जारी किए गए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित रिटेल महंगाई दर मार्च में बढ़कर 6.95% हो गई। खाने-पीने के सामान की महंगाई 5.85% से बढ़कर 7.68% हो गई।
मार्च में सब्जियों की खुदरा महंगाई दर फरवरी के 6.13 फीसदी से बढ़कर 10.57 फीसदी पर आ गई है जबकि ईंधन और बिजली की खुदरा महंगाई दर 8.73 फीसदी से घटकर 8.27 फीसदी पर रही है। महीने दर महीने आधार पर दालों की खुदरा महंगाई दर फऱवरी के 3.02 फीसदी से बढ़कर मार्च में 3.14 फीसदी पर आ गई है। वहीं कपड़ो और जूतों की खुदरा महंगाई दर फऱवरी के 8.86 फीसदी से बढ़कर 10.20 फीसदी पर आ गई है।
यह लगातार तीसरा महीना है जब महंगाई दर RBI की 6% की ऊपरी लिमिट के पार रही है। फरवरी 2022 में रिटेल महंगाई दर 6.07% और जनवरी में 6.01% दर्ज की गई थी। एक साल पहले मार्च 2021 में रिटेल महंगाई दर 5.52% थी। बीते दिनों रिजर्व बैंक ने इस वित्त वर्ष की अपनी पहली मॉनेटरी पॉलिसी मीटिंग के बाद महंगाई के अनुमान को बढ़ाते हुए पहली तिमाही में 6.3%, दूसरी में 5%, तीसरी में 5.4% और चौथी में 5.1% कर दिया था।
दुनियाभर की कई अर्थव्यवस्थाएं महंगाई को मापने के लिए WPI (Wholesale Price Index) को अपना आधार मानती हैं। भारत में ऐसा नहीं होता। हमारे देश में WPI के साथ ही CPI को भी महंगाई चेक करने का स्केल माना जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक और क्रेडिट से जुड़ी नीतियां तय करने के लिए थोक मूल्यों को नहीं, बल्कि खुदरा महंगाई दर को मुख्य मानक (मेन स्टैंडर्ड) मानता है।
रिटेल महंगाई मापने के लिए कच्चे तेल, कमोडिटी की कीमतों, मैन्युफैक्चर्ड कॉस्ट के अलावा कई अन्य चीजें होती हैं, जिसकी रिटेल महंगाई की दर तय करने में अहम भूमिका होती है। करीब 299 सामान ऐसे हैं, जिनकी कीमतों के आधार पर रिटेल महंगाई का रेट तय होता है।
फूड, गैसोलीन, हाउसिंग और अन्य जरूरत की चीजें महंगी होने की वजह से अमेरिका में महंगाई 8.5% पर पहुंच गई है। श्रम विभाग ने मंगलवार को कहा कि महंगाई की यह पिछले 40 सालों में साल-दर-साल आधार पर सबसे बढ़ी बढ़ोतरी है। इससे पहले दिसंबर 1981 में साल-दर-साल आधार पर महंगाई इतनी बढ़ी थी।