जानिए एचडीएफसी बैंक में क्यों कोई मालिक नहीं रहेगा
मुंबई- HDFC बैंक में HDFC के विलय के बाद सबसे बड़ा बदलाव शेयरहोल्डिंग पैटर्न में आएगा। विलय के ऐलान के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि सौदे के बाद HDFC बैंकमें 100% पब्लिक शेयर होल्डिंग होगी। यानी कोई कंपनी या व्यक्ति HDFC बैंक का प्रमोटर नहीं रह जाएगा।
इस डील के बाद HDFC बैंक में HDFC की 41% हिस्सेदारी होगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि HDFC अभी तक HDFC बैंक की प्रमोटर कंपनी है। अब HDFC का विलय HDFC बैंक में होने के बाद बैंक की पूरी शेयरहोल्डिंग्स डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (DII), फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (FII) और रिटेल इनवेस्टर्स के पास होगी।
HDFC की शेयरहोल्डिंग में पहले से ही कोई प्रमोटर कंपनी नहीं थी। इसमें FII और DII की मेजर स्टेक होल्डिंग रही है। HDFC Bank की शेयर होल्डिंग पैटर्न. अभी 25.8% हिस्सेदारी HDFC के पास है जो विलय के बाद प्रमोटर नहीं रहेगी
दीपक पारेख ने कहा कि 90 लाख लोगों को घर मुहैया कराने के बाद आखिरकार हमें घर मिला वो भी अपनी ही फैमिली कंपनी में। इस डील के बाद HDFC के सभी ब्रांच और ऑफिस से लोन बांटने का काम होगा।
HDFC लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा कि यह बराबरी का विलय है। हमारा मानना है कि RERA के लागू होने, हाउसिंग सेक्टर को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा मिलने, अफोर्डेबल हाउसिंग को लेकर सरकार की पहल जैसे तमाम दूसरी चीजों के कारण हाउसिंग फाइनेंस बिजनेस में बड़ी तेजी आएगी।
दीपक पारेख ने आगे कहा, “पिछले कुछ साल में बैंकों और NBFC का कई रेगुलेशन बेहतर बनाया गया है। इससे विलय की संभावना बनी। इससे बड़ी बैलेंस शीट को बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर लोन के इंतजाम का मौका मिला। साथ ही इकोनॉमी की क्रेडिट ग्रोथ बढ़ी। अफोर्डेबल हाउसिंग को बढ़ावा मिला और कृषि सहित सभी प्रायोरिटी सेक्टर को पहले से ज्यादा कर्ज दिया गया।