ये हैं बनारस के एडिशनल सीपी, सोशल मीडिया पर एक्टिव और लोगों को सिखाने का काम करते हैं   

मुंबई- देश में ऐसे कुछ गिने चुने अधिकारी होते हैं जो अपने मूल अधिकारों के अलावा भी सोसाइटी के लिए काम करते हैं। बनारस के आईपीएस अधिकारी सुभाष दुबे कुछ इसी तरह के हैं। वे सोशल मीडिया पर हमेशा अपडेट रहते हैं, खासकर ऐसे समय में, जब एक बड़ी आबादी सोशल मीडिया के जरिए अपनी समस्याओं और उपलब्धियों को बताती है।  

दूबे ने पिछले साल ही बनारस में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त का भार संभाला है। वे अक्सर ट्रेनिंग कर रहे युवाओं या सड़क पर किसी और लोगों से उनकी समस्याओं से रूबरू होते हैं और उन्हें फिर उनकी समस्याओं का हल भी बताते हैं। उनकी इन मुलाकातों में कहीं भी ऐसा नहीं लगता है कि वे एक सीनियर अधिकारी हैं क्योंकि वे कुछ इस तरह से जमीन लेवल पर लोगों से जुडे हैं।  

आज ऐसे माहौल में जब एक कांस्टेबल या गांव के प्रधान से भी मिलना मुश्किल हो जाता है, वैसे में सुभाष दुबे बहुत ही आसानी से लोगों से मुलाकात करते हैं। वैसे उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि हालिया समय में एक उगाही वाली बन गई है।सुभाष दुबे अपनी डिजिटल सक्रियता के जरिए समाज में ये संदेश देने में कामयाब हुए हैं कि पुलिस के लोग प्रेम और सामंजस्य की भाषा भी जानते है। 

सुभाष दुबे ग़ाजीपुर, आगरा, सहारनपुर समेत कई जिलों में पुलिस कप्तान के रूप में जबरदस्त काम कर चुके हैं। आईपीएस सुभाष दुबे के नाम से एक यूट्यूब चैनल काफी चर्चा में है जिसमें उनके वीडियोज को लाखों लोग देखते हैं। सुभाष दुबे के वीडियो में पुलिस बल कई रूप में दिखता है। रात में फुटपाथ पर सोने वालों को कंबल ओढ़ाते पुलिस वाले, रैन बसेरों के बच्चों को करियर व शिक्षा के लिए मोटिवेट करता पुलिस बल. मूंगफली वाले रेहड़ी पटरी वाले दुकानदारों से बातचीत कर उनके सुखदुख को समझता पुलिस बल।  

आप उनके इन कामों को PS Subhash Dubey Youtube Channel पर भी देख सकते हैं। खासकर इस लिंक पर आपको अच्छा संदेश उनका मिलेगा।https://www.youtube.com/watch?v=tADl07QGg9c हाल में सुभाष दुबे ने कई पुलिस वालों पर भी गाज गिराई है। मामला जब उन तक पहुंचा तो पुलिस थाने में भी इसका जिक्र हुआ कि मामला गंभीर है। इस तरह के एक अधिकारी महाराष्ट्र में भी थे। वीवी लक्ष्मीनारायण। वे कुछ समय पहले एडिशनल डीजी के पद से स्वेच्छानिवृत्त हो गए और अपने गांव आंध्र प्रदेश में अब किसानों के लिए काम करते हैं। इनकी सबसे चर्चा हैदराबाद में जगन रेड्‌डी पर छापा मारना था और तब वे सीबीआई में थे। उसके बाद वे ठाणे पुलिस में रहे फिर अंत में महाराष्ट्र के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक भी बने। अब उनके लड़के आईपीएस अधिकारी हैं।  

वे अब जनता दोस्त के माध्यम से यूट्यूब पर लोगों से मिलते हैं। उनके जाने से महाराष्ट्र के काफी आला अधिकारी भी यह मानते हैं कि उनका बहुत बड़ा योगदान पुलिस विभाग में रहा है। नए दौर में पाजिटिव पुलिसिंग, आम जन से कनेक्ट प्रशासनिक कामकाज के सकारात्मक संदेशों को हर किसी तक पहुंचाने और पूरे सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिहाज से सोशल व डिजिटल मीडिया का उपयोग काफी कारगर साबित हो रहा है। महाराष्ट्र में भी ऐसे कई अधिकारी रहे हैं, जिन्होंने अपनी अमिट छाप छोड़ी है।  

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