यूक्रेन से लौटने वाली वैशाली अब जांच के घेरे में, गांव की प्रधान हैं
मुंबई- यूक्रेन से मेडिकल छात्रा वैशाली यादव घर पहुंचने के बाद अब जांच के घेरे में आ गई हैं। वह सांडी ब्लॉक के ग्राम तेरा पुरसौली की ग्राम प्रधान है। ग्राम प्रधान बनने के बाद यूक्रेन जाकर वैशाली मेडिकल की पढ़ाई कर रही थी। उनकी गैरहाजिर में गांव के विकास कार्य जारी रहे। कई योजनाओं के लिए उसके साइन से धनराशि भी निकाली गई।
इसी मामले में जांच हो रही है कि जब वैशाली यूक्रेन में थी तो गांव में उसके साइन कौन कर रहा था। ऐसे में डीपीआरओ ने एडीओ पंचायत को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच वैशाली यादव भी यूक्रेन में फंस गई थी। तब यह बात प्रशासनिक अधिकारियों के सामने आई थी कि वह ग्राम प्रधान होते हुए यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई कर रही है।
एडीओ पंचायत रजनीकांत त्रिवेदी ने वैशाली यादव के गांव तेरा पुरसौली में जाकर जांच-पड़ताल की है। सांडी ब्लॉक के ग्राम तेरा पुरसौली में बीते छह-सात महीने पहले वैशाली ग्राम प्रधान बनी थीं। इसके बाद सितंबर 2021 में वे एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने यूक्रेन चली गईं। उनकी अनुपस्थिति में विकास कार्य कैसे कराए गए, बिना प्रधान विकास कार्यों के लिए क्या कोई पैसा सरकारी खाते से निकाला गया, निकला तो कैसे आदि तमाम तमाम सवालों को लेकर असमंजस की स्थिति है।
एडीओ ने विकास कार्यों के संचालन के लिए वैशाली यादव के डोंगल, एफटीओ (फंड ट्रांसफर ऑर्डर) के ब्योरे खंगाले। ग्राम पंचायत के विकास के लिए खर्च किए गए धन का विवरण व कार्यवाही रजिस्टर की प्रति प्राप्त की। ग्राम प्रधान वैशाली यादव की अनुपस्थित के दौरान 10 लाख 80 हज़ार और 330 रुपए का काम अब तक हुआ है। इसमें स्वच्छता खर्च पर 36 हज़ार रुपये 19 नवंबर 2021 को निकाले गए।
10 नवंबर को 2021 को 1 लाख 92 हज़ार 500 रुपए स्ट्रीट लाइट पर खर्च हुआ। 4 फरवरी 2022 को प्रशासनिक खर्च के नाम पर 1 लाख 32 हज़ार 800 रुपये निकाले गए। इसी तरह से पंचायत घर निर्माण कार्य के लिए 4 लाख 92 हज़ार 60 रुपये 7 नवंबर 2021 को खर्च किये गए। सार्वजनिक शौचालय निर्माण के लिए 15 अक्टूबर 2021 को 2 लाख 54 हज़ार 770 रुपए निकाले गए। इसी सब मामले में जांच हो रही है कि वैशाली यूक्रेन में थीं तो काम कैसे हुआ और पैसे कैसे निकाले गए।