दो सालों से LIC ने नहीं दिया डिविडेंड, IPO में पैसा लगाने से पहले सोचें 

मुंबई- अगर आप LIC IPO में पैसा लगाने की सोच रहे हैं तो उससे पहले इसकी कुछ बातों को जान लीजिए। इसने पिछले दो सालों से कोई भी डिविडेंड नहीं दिया है। साथ ही इश्यू आने से पॉलिसीधारकों को सीधे-सीधे नुकसान भी होना है।  

आंकड़े बताते हैं कि एलआईसी ने 2018-19 में डिविडेंड दिया था।जबकि 2019-20 और 2020-21 में इसने कोई लाभांश नहीं दिया। इसी दौरान SBI लाइफ ने 2020-21 में 17.2%, मैक्स लाइफ ने 38.2 और बजाज आलियांज लाइफ ने 28.6% का लाभांश दिया था। 2019-20 में बजाज आलियांज ने 28.3, मैक्सलाइफ ने 143 और ICICI प्रूडेंशियल ने 38% का लाभांश दिया था।  

यही नहीं, निवेश पर ब्याज (इन्वेस्टमेंट यील्ड) में भी गिरावट आई है। LIC के लाइफ फंड पर जहां 8.3% का ब्याज मिला है, वहीं SBI लाइफ में यह 8.6, HDFC लाइफ में 9.5, ICICI प्रूडेंशियल में 9.8 और मैक्स लाइफ में यह 9.3% रहा। पेंशन एन्यूटी और ग्रुप फंड की बात करें तो इसमें LIC का ब्याज 7.9% रहा जबकि SBI लाइफ का 8.4, HDFC लाइफ का 7.9, ICICI प्रूडेंशियल का 9.5 और मैक्स लाइफ का 8.8% रहा।  

सेबी के पास जमा मसौदा के अनुसार नए बिजनेस प्रीमियम में भी LIC पीछे रही है। इसका नया बिजनेस प्रीमियम इंडिविजुअल में 26,892 रुपए रहा जबकि SBI लाइफ का प्रीमियम 75,466 रुपए, HDFC लाइफ का 1.03 लाख, ICICI प्रूडेंशियल लाइफ का 1.18 लाख और मैक्स लाइफ का 96,619 रुपए रहा। यानी यहां भी यह प्राइवेट कंपनियों की तुलना में सबसे पीछे रही है।  

NPA यानी बुरे फंसे कर्ज की बात करें तो LIC का ग्रॉस एनपीए पॉलिसीहोल्डर्स के फंड के रेशियों में 7.78% रहा। SBI लाइफ का 0.05, ICICI प्रूडेंशियल का 0, HDFC लाइफ का 0.7 और बजाज आलियांज लाइफ का 0.9 पर्सेंट रहा। यानी LIC इन कंपनियों से कई गुना ज्यादा NPA पर है।  

व्यक्तिगत प्लान में हिस्सेदारी की बात करें तो लगातार LIC की हिस्सेदारी घटी है। 2017-18 मेँ इसकी हिस्सेदारी 56 पर्सेंट जबकि निजी कंपनियों की 44% रही। 2019-20 में दोनों की हिस्सेदारी 50-50% रही। 202-2 में भी यही स्तर रहा। लेकिन 2021-22 की पहली छमाही में LIC का हिस्सा घटकर 44% जबकि निजी कंपनियों का हिस्सा बढ़कर 56% हो गया।   

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